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संक्रमण से बचने को बदलें आहार

बारिश का मौसम संक्रमण और जीवाणुओं के पनपने के लिए उपयुक्त होता है। इसलिए आहार बदलकर संक्रमण से बचा जा सकता है और रोगों का मुकाबला किया जा सकता है

by रूपाली करजगीर
Jul 21, 2023, 03:40 pm IST
in जीवनशैली, स्वास्थ्य
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संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत होती है। इसलिए हमारे शरीर के ईंधन यानी हमारे खानपान तथा आहार पर ध्यान देना व इसे मौसम के हिसाब से बदलना अनिवार्य हो जाता है।

भारत में जलवायु की दृष्टि से अलग-अलग जगह बहुत भिन्नताएं हैं। कई जगहों पर भयंकर गर्मी पड़ती है तो कई जगहों पर भयंकर ठंड भी। इसके विपरीत ऐसी जगहें भी हैं जहां लगभग साल भर बारिश होती है। इस कारण मौसम के आधार पर वहां रहने वाले लोगों का खान-पान भी अलग-अलग होता है। अभी पूरे देश में बारिश का मौसम चल रहा है।

चारों ओर हरियाली एवं सुहावने मौसम के साथ बाढ़ और जलभराव की स्थिति भी बनती है। यह स्थिति अपने साथ कई बीमारियां तथा शारीरिक दिक्कतों को लेकर आती है। इस समय संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत होती है। इसलिए हमारे शरीर के ईंधन यानी हमारे खानपान तथा आहार पर ध्यान देना व इसे मौसम के हिसाब से बदलना अनिवार्य हो जाता है।

बारिश के मौसम मे हमारे शरीर में वात, कफ तथा पित्त – तीनों दोष बढ़ जाते हैं। पित्त बढ़ने से हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। इसलिए पाचन के हिसाब से ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस मौसम में तले पदार्थ जैसे समोसा, भजिया, गोलगप्पे इत्यादि खाने का मन ज्यादा करता है। परंतु ये सभी पदार्थ पाचन की दृष्टि से सही नहीं होते हैं। ये ज्यादा मसालेदार तथा तले होने के कारण हमारे पाचन में पित्त को और बढ़ाते हैं।

इनसे पेट खराब होना जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए इन पदार्थों से दूरी बनाना ज्यादा अच्छा है। इसकी जगह घर पर बने पदार्थ जैसे भुना मखाना, भेल, मूंग दाल चिल्ला, उपमा, पोहा, साबूदाना इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। बारिश के मौसम में सादा, कम मसाले वाला तथा सुपाच्य भोजन ही करने चाहिए। रागी, ज्वार, जौ जैसे अनाज को भोजन में शामिल कर सकते हैं। दालों में मूंग, मसूर या अरहर की दाल पाचन के लिए ज्यादा अच्छी होगी।

हरे पत्ते वाली सब्जियों को जहां पोषण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, वहीं बारिश के मौसम मे इसे न लेना ही सेहत के लिए अच्छा होता है। वातावरण में आर्द्रता ज्यादा होने के कारण इन सब्जियों में जीवाणु तथा कीटों को पनपने के लिए उपयुक्त वातावरण मिलता है। इसलिए इस मौसम में पत्ता गोभी, पालक, मेथी, बथुआ जैसी सब्जियों के सेवन से बचना चाहिए। इसके स्थान पर टिंडा, तोरई, कुंदरु, परवल, करेला जैसी सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। फलों में मौसमी फलों का सेवन ज्यादा करें। इस समय आप आलू बुखारा, सेब, आड़ू, जामुन, पपीता जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रहे, फल हमारे खनिज पदार्थों का मुख्य स्रोत है जो हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए जरूरी हैं। इसलिए नियमित रूप से फलों का सेवन अवश्य करें।

इस मौसम में संक्रमण का मुख्य कारण पानी हो सकता है। इसलिए इस मौसम मे साफ पानी की तरफ ध्यान ज्यादा दें। पानी उबाल कर लेना ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। बारिश के मौसम में यदि आपको कुछ तरल लेना हो तो नारियल पानी, नींबू पानी, गरम सूप लिये जा सकते हैं। इस मौसम में फलों के रस तथा कोल्ड ड्रिंक से बचें। ये आपकी कफ प्रवृत्ति को और बढ़ा सकते हैं। ये मौसम जीवाणुओं का सबसे पसंदीदा मौसम होता है। मांसाहारियों को इस मौसम में मांसाहार से बचना चाहिए।

Topics: भारत में जलवायुभयंकर गर्मीहरियाली एवं सुहावने मौसमकोल्ड ड्रिंकClimate in Indiagreenery and pleasant weathercold drinkchange diet to avoid infectionsevere heat
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