उत्तराखंड : जिस बाघिन को दो महीने पहले रेस्क्यू करके इलाज के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर लाया गया था। उस बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। स्मरण रहे कि उक्त बाघिन के शरीर में लोहे का फंदा फंसा हुआ था और ये माना जा रहा था कि उसे शिकारी अपना शिकार बनाना चाहते थे।
कालागढ़ फॉरेस्ट में ये बाघिन पहले सीसीटीवी कैमरे में ट्रेप हुई थी। फिर उसे चिकित्सकों द्वारा नशे का इंजेक्शन देकर रेस्क्यू सेंटर लाया गया था। जहां उसके शरीर में फंसे लोहे के फंदे को काट कर निकाला गया था। बाघिन के शरीर में फंदे के जख्मों के निशान थे जिसकी सर्जरी की जानी थी।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर धीरज पांडेय ने बताया कि उस समय सर्जरी इसलिए नहीं की गई थी कि चिकित्सकों ने बाघिन के गर्भवती होने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि सुखद समाचार ये है कि बाघिन ने तीन स्वस्थ्य शावकों को जन्म दिया है। बाघिन भी स्वस्थ है और हमारी देखरेख में उसका इलाज भी चल रहा है। शावकों के खानपान का भी ध्यान रखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पहले बाघिन की सर्जरी किए जाने की खबर मीडिया में आई थी। इस पर धीरज पांडेय ने बताया कि सर्जरी नहीं की गई थी, क्योंकि वो गर्भवती थी। इस बारे में डॉक्टर्स की टीम और वाइल्डलाइफ विशेषज्ञों ने ऐसा करने से मना किया था ।
उन्होंने बताया कि बाघिन के शावकों के होने के बारे में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को भी सूचना दे दी गई है।
बिना अनुमति जिप्सी पार्क में ले जाने पर रिपोर्ट दर्ज, एक गिरफ्तार
कॉर्बेट प्रशासन के द्वारा एक जिप्सी को सीज करते हुए चालक को गिरफ्तार किया गया है तथा तीन अन्य के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। ये जिप्सी चालक बिना अनुमति के पार्क बंद होने के बावजूद ढिकाला जोन में गया था। इस मामले में दो वन सुरक्षा कर्मियों को भी निलंबित किया गया है।
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