गजवा-ए-हिंद योजना के खुलासे के बाद अब हिंदू युवकों को इस्लाम में कन्वर्ट कर उनके जरिये दूसरे हिंदू युवाओं का ब्रेनबॉश किया जा जा रहा है। राहुल अग्रवाल, सौरभ खुराना, अजय राठौर, अमृत सिंह, कपिल आनंद और नीरू बिष्ट के कन्वर्जन की कहानी किसी बड़े खतरे की ओर संकेत कर रही है।
दिल्ली-एनसीआर में सामने आए कन्वर्जन के इस्लामिक माड्यूल ने देश की सुरक्षा एजेंसियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। गजवा-ए-हिंद योजना के खुलासे के बाद अब हिंदू युवकों को इस्लाम में कन्वर्ट कर उनके जरिये दूसरे हिंदू युवाओं का ब्रेनबॉश किया जा जा रहा है। राहुल अग्रवाल, सौरभ खुराना, अजय राठौर, अमृत सिंह, कपिल आनंद और नीरू बिष्ट के कन्वर्जन की कहानी किसी बड़े खतरे की ओर संकेत कर रही है।
गाजियाबाद में रहने वाले पर्वतीय समाज की बेटी नीरू को कन्वर्ट कर जिस तरह जिहाद के रास्ते पर ले जाया जा रहा था, वह बहुत खतरनाक है। इसमें मुख्य भूमिका राहुल अग्रवाल से मोहम्मद राहिल बना युवक निभा रहा था। कन्वर्जन के बाद उसने हिंदू बन कर गाजियाबाद के खोड़ा में रहने वाली युवती को प्रेम जाल में फंसाया। फिर उस पर कन्वर्जन का दबाव बनाया। जब युवती इस्लाम में कन्वर्ट हो गई, तो राहिल ने उसे जिहादी गतिविधियों में धकेल दिया। गनीमत रही कि समय रहते युवती के परिवार ने सच्चाई का पता लगा कर पुलिस से शिकायत कर दी। उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस ने तत्परता दिखाते हुए मोहम्मद राहिल, डॉ. अब्दुल्ला अहमद उर्फ सौरभ खुराना और सरगना मोहम्मद मुशीर को गिरफ्तार कर कन्वर्जन के जिहादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर दिया।
जांच में पता चला कि कन्वर्ट होने के बाद भी राहिल अपना नाम राहुल ही बताता था। वह नोएडा के एक कॉल सेंटर में काम करता था। नीरू भी वहीं काम करती थी। राहिल पाकिस्तान व नेपाल में अपने आकाओं के संपर्कमें था। अपने आकाओं के निर्देशानुसार राहिल युवती का ब्रेनवॉश कर उसे फिदायीन बना रहा था। लड़की पांच वक्त नमाज पढ़ने के साथ कुर्बान होने के लिए भी तैयार हो गई थी। दरअसल, पाकिस्तान में बैठे जिहादी राहिल के जरिये हिंदू युवतियों को अपने जाल में फंसा रहे थे। राहिल के संपर्क में कई लड़कियां थीं। वह लड़कियों के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर इस्लाम कबूलने को कहता था। फिर उनका कन्वर्जन करा कर उनका ब्रेनवॉश कर जिहादी रास्ते पर धकेल देता था। उसके पास से 1700 पन्नों का डिजिटल डेटा मिला है।
हिंदू लड़कियों के कन्वर्जन और उन्हें जिहादी घुट्टी पिलाने वाले गिरोह में कई डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर भी शामिल थे। इस गिरोह के तार देवबंद, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और आगरा के एक प्रबंधन कॉलेज से जुड़े पाए गए हैं। गिरोह के सरगना डॉ. अब्दुल्ला अहमद, इंजीनियर मोहम्मद मुशीर और राहिल से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तान से संचालित इस जिहादी नेटवर्क में शामिल राहिल और अब्दुल्ला भी कन्वर्जन के शिकार हुए हैं। राहुल अग्रवाल कन्वर्जन के बाद राहिल और सौरभ खुराना बन गया अब्दुल्ला। दोनों सभ्रांत हिंदू परिवारों से हैं। बाद में अब्दुल्ला ने दिल्ली के अजय राठौर, अमृत सिंह और कपिल आनंद का कन्वर्जन कराया। मुशीर ट्यूशन भी पढ़ाता है। अजय उससे गणित पढ़ता था। दिल्ली के संगम विहार में रहने वाले मुशीर ने ही राहुल अग्रवाल को जिहादी बनाया था। राहुल भी संगम विहार में रहता है। अब्दुल्ला हरियाणा के पलवल स्थित न्यू कॉलोनी में रहता है और देवबंद स्थित दारूल-उलूम खानका मदरसे से आलिम की पढ़ाई कर रहा है। 2014 में वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीडीएस कर चुका है। 2014 में ही इस्लाम में कन्वर्जन कर उसे सौरभ से अब्दुल्ला बनाया गया था।
देवबंद-एएमयू से जुड़े तार
इन जिहादियों के पास से बरामद मोबाइल से मुलिस को जिहादी घुट्टी वाले मुल्ले-मौलवियों के वीडियो मिले हैं। इसका इस्तेमाल युवाओं का ब्रेनबॉश करने में होता था। उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक के वीडियो भी दिखाए जाते थे। जिहादी गैंग में आगरा के एक प्रबंधन कॉलेज का प्रोफेसर भी शामिल बताया जाता है। कन्वर्जन के बाद हिंदू धर्म में वापसी करने वाले एमबीए के एक छात्र ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान प्रोफेसर ने उसका ब्रेनवॉश किया और अब्दुल्ला अहमद को बुलाकर उसका कन्वर्जन कराया। कॉलेज के पीजी छात्रावास में कश्मीरी छात्र भी रहते थे। प्रोफेसर उन छात्रों को भी जमात में ले जाता था। ट्रांस हिंडन के डीसीपी विवेक यादव के अनुसार, पुलिस प्रोफेसर पर भी शिकंजा कसने वाली है। कन्वर्ट हो चुके अन्य लोगों से पूछताछ में चौंकाने वाले और खुलासे हो सकते हैं।
टिप्पणियाँ