उत्तराखंड : पछुवा ढकरानी शक्तिनहर अतिक्रमण पर काम अबतक नहीं हुआ शुरू, नहर के दोनों तरफ है अवैध कब्जे
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उत्तराखंड : पछुवा ढकरानी शक्तिनहर अतिक्रमण पर काम अबतक नहीं हुआ शुरू, नहर के दोनों तरफ है अवैध कब्जे

उत्तराखंड सरकार की अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का दूसरा चरण शुरू होना था लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी ये अभियान शुरू नहीं हो सका है।

by उत्तराखंड ब्यूरो
Jul 19, 2023, 10:51 am IST
in भारत, उत्तराखंड
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देहरादून : विकासनगर परगना क्षेत्र में ढकरानी में मार्च माह में उत्तराखंड सरकार के बुल्डोजर ने अरबों रुपये की सरकारी जमीन खाली करवाई थी, धामी सरकार की अतिक्रमण के खिलाफ ये पहली बड़ी कारवाई थी। इस कार्रवाई का दूसरा चरण शुरू होना था लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी ये अभियान शुरू नहीं हो सका है। वर्तमान स्तिथि ये है कि जिनसे सरकारी जमीन खाली करवाई थी। वो फिर आकर कब्जे करने लगे हैं।

उत्तराखंड के हिमाचल से लगी सीमा पर डाकपथर से एक शक्ति नहर जाती है। जिसका पानी आसन बैराज से होते हुए जल विद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन  में काम आता है। इस नहर के दोनों तरफ सैकड़ों की संख्या में अवैध कब्जे हो गए थे। बड़े-बड़े पक्के मकान मस्जिदें, मदरसे, मजारें यहां बना दिए गए।

धामी सरकार ने इन कब्जों को हटाने के लिए बुल्डोजर चलाया और पहले चरण में आठ सौ से ज्यादा पक्के निर्माण ध्वस्त कर अरबों रुपये की सरकारी जमीन मुक्त करवाई गई।

यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा अवैध कब्जेदारों को दो साल से नोटिस दिए जा रहे थे, किंतु कब्जेदारों ने खुद हटने का नाम नहीं लिया। इस अभियान का दूसरा चरण शुरू किया जाना था, किंतु शक्ति नहर की मरम्मत की वजह से ये अभियान शुरू नही हुआ। अब जबकि नहर की मरम्मत का काम पूरा हुए दो माह बीत गए हैं इसके बावजूद अतिक्रमण अभियान शुरू नहीं हुआ।

ये भी जानकारी में आया है कि जिन अवैध कब्जेदारों को हटाया गया वो फिर आकर बस रहे हैं। इस बारे में जल विद्युत विभाग ने कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है। पहले चरण के अभियान में पुलिस प्रशासन ने मदरसे मस्जिद प्रबंधन को मौखिक रूप से खुद अतिक्रमण हटाने को भी बोला था, किंतु ये इमारतें भी वैसी की वैसी ही खड़ी हुईं हैं।

जानकारी के मुताबिक अभी भी छ सौ से ज्यादा पक्के निर्माण हैं, जिन्हें हटाया जाना है। उत्तराखंड जलविद्युत विभाग का कहना है कि उन्हें पुलिस प्रशासन के सहयोग की जरूरत है और हम अपनी भूमि खाली करवा लेंगे।

बाहरी राज्यों से आए अवैध रूप से बसे है अतिक्रमणकारी
जानकारी के मुताबिक सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली बेहट आदि क्षेत्रों से आए लोगों ने यहां नहर बनाने के काम में मजदूरी की और फिर यहीं कब्जे कर अवैध रूप से बस गए, यही नहीं ये अब अपने रिश्तेदारों को भी यहां लाकर बसाने लगे और जनसंख्या असंतुलन की समस्या पैदा करने लगे हैं। अरबों रुपये की सरकारी जमीनों पर इनके द्वारा कब्जे किए हुए है।

क्या कहते है मुख्यमंत्री धामी ?
अतिक्रमण किसी भी सरकारी भूमि पर है। उसे हम हटा कर ही रहेंगे और अब हम ऐसा अध्यादेश भी ला रहे हैं कि आगे से सरकारी जमीन कब्जे करने वाले जेल जाएंगे और इनपर एनएसए, गैंगस्टर भी लगाएंगे।उन्होंने कहा कि देहरादून प्रशासन को कह दिया गया है कि वो अतिक्रमण हटाने का दिन समय निश्चित करें।

Topics: उत्तराखंड समाचारUttrakhand newsपछुवा ढकरानी शक्तिनहर अतिक्रमणwork of removing encroachment of Pachhua Dhakrani Shakti Nahar
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