ईसाईकरण का सूत्र ‘हेन, तेन, पेन’
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम मत अभिमत

ईसाईकरण का सूत्र ‘हेन, तेन, पेन’

ईसाई मिशनरी जनजाति क्षेत्रों में आर्थिक लालच, उन्मुक्त समाज और शिक्षा की आड़ में लोगों को ईसाई बना रहे हैं। कई संगठन उनके इस षड्यंत्र को विफल करने के लिए कार्य कर रहे

by डॉ. राजकिशोर हांसदा
Jul 19, 2023, 07:48 am IST
in मत अभिमत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पादरियों ने सबसे पहले कलकत्ता में हिंदुओं को ईसाई बनाना शुरू किया। कुछ वर्षों के बाद ईसाई बने ये लोग फिर से हिंदू धर्म में वापस आ गए। फिर इन पादरियों ने कलकत्ता छोड़कर रामपुरहाट के पास बेनागढ़िया गांव में एक मिशन की स्थापना की।

डॉ. राजकिशोर हांसदा
राष्ट्रीय सह संयोजक जनजाति सुरक्षा मंच

हम सब जानते हैं कि भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी व्यापार करने के लिए आई थी, लेकिन वह अपने साथ पादरियों को भी लाई। इन पादरियों ने सबसे पहले कलकत्ता में हिंदुओं को ईसाई बनाना शुरू किया। कुछ वर्षों के बाद ईसाई बने ये लोग फिर से हिंदू धर्म में वापस आ गए। फिर इन पादरियों ने कलकत्ता छोड़कर रामपुरहाट के पास बेनागढ़िया गांव में एक मिशन की स्थापना की। आजकल यह गांव दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में है। उन दिनों यह गांव घने जंगलों से घिरा था। इस क्षेत्र में संथाल जनजाति के लोग रहते हैं। पादरियों ने संथालों से दोस्ती करनी शुरू की। धीरे-धीरे उन्होंने संथाली भाषा भी सीख ली। जब कोई पादरी किसी संथाल से उसकी भाषा में बात करता था, तो उसे लगता था कि वही उसका सगा है।

पादरियों ने संथालियों की सरलता का लाभ उठाकर इन्हें ईसाई बनाना शुरू किया। फिर पादरियों ने संथाल समाज के गुरु केकाराम से संपर्क बढ़ाया। उनसे संथालसमाज की हर बात की जानकारी लेकर उसे लिपिबद्ध किया। संथाली भाषा में छोटे-छोटे गीत, कथा, कहानी, पहेली आदि की रचना की गई। बाद में संथालों की सृष्टि कथा, जन्म से मरण तक का संस्कार, पर्व-त्योहार, देवी-देवता आदि के बारे में लिखा। इसमें फादर स्क्रैपरूड और फादर पाउल ओलाप बोडिंग का सबसे अधिक हाथ था। फादर बोडिंग ने संथाली-अंग्रेजी शब्दकोश की रचना की। सबसे पहले बेनागढ़िया मिशन में ही प्रेस शुरू किया। इसी प्रेस से 1900 में संथाली भाषा में बाईबिल प्रकाशित हुई।

 

‘चंगाई सभा’ भी एक तरीका है कन्वर्जन का। क्या गांव, क्या शहर सभी जगह चंगाई सभाएं हो रही हैं। उसके एजेंट पहले से ही तैयार रहते हैं। कोई लंगड़ा बन के आता है, कोई अंधा, कोई बहरा आदि। इस चंगाई सभा में कथित ईसाई पादरी पानी और तेल छिड़क कर बीमारी ठीक करने का ढोंग करता है। दुर्भाग्य से समाज के कुछ लोग इनके चक्कर में पड़ जाते हैं। इस स्थिति को बदलने की आवश्यकता है। 

स्वतंत्रता के बाद पादरियों ने कन्वर्जन के लिए एक सूत्र अपनाया, उसे ‘हेन, तेन, पेन’ सूत्र कहा जाता है। हेन यानी मुर्गी। तेन संथाली भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है युवक-युवती का खुल्लम-खुल्ला संपर्क। पेन माने कलम। मुर्गी के माध्यम से उन लोगों ने जनजातियों को आर्थिक मदद दी। इसके बाद उन्हें ईसाई बना लिया। सबसे अधिक लड़कियों के लिए स्कूल खोले गए और जो लड़की उस स्कूल में गई, वह ईसाई बन गई। उसके माध्यम से हिंदू लड़कों को फंसाकर ईसाई बनाया गया। फिर शिक्षा के नाम पर भी हिंदुओं को ईसाई बनने के लिए मजबूर किया।

स्वतंत्रता के बाद पादरियों ने कन्वर्जन के लिए एक सूत्र अपनाया,
उसे ‘हेन, तेन, पेन’ सूत्र कहा जाता है।

अभी भी कन्वर्जन का यही तरीका है। मिशनरी से जुड़े लोग गांव-गांव जाते हैं और कौन युवा बेरोजगार है, उससे संपर्क करते हैं। जब वह ईसाई बन जाता है तो उसे मोटरसाइकिल और कुछ मानधन देकर समाज के अन्य लोगों को भी ईसाई बनाने के कार्य में लगा दिया जाता है। मिशनरी वाले गांव-गांव में उन लोगों से भी मिलते हैं, जिनके दो-चार बच्चे होते हैं। वे उनसे कहते हैं कि उनके एक बच्चे को मिशनरी स्कूल में मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी।

उस बच्चे को ऐसी शिक्षा दी जाती है कि वह बाद में अपने घर वालों से ईसाई बनने की जिद करने लगता है। बीमारी ठीक करने की आड़ में भी कन्वर्जन किया जाता है। मिशनरी के लोग किसी बीमार व्यक्ति को ईसा मसीह के नाम से दवाई खाने के लिए कहते हैं और रोज उसके घर पर प्रार्थना करते हैं। वह बीमार व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है तब उसको कहा जाता है कि तुम ईसा मसीह के कारण ही ठीक हुए हो। उसके बाद पूरा परिवार ईसाई बन जाता है।

‘चंगाई सभा’ भी एक तरीका है कन्वर्जन का। क्या गांव, क्या शहर सभी जगह चंगाई सभाएं हो रही हैं। उसके एजेंट पहले से ही तैयार रहते हैं। कोई लंगड़ा बन के आता है, कोई अंधा, कोई बहरा आदि। इस चंगाई सभा में कथित ईसाई पादरी पानी और तेल छिड़क कर बीमारी ठीक करने का ढोंग करता है। दुर्भाग्य से समाज के कुछ लोग इनके चक्कर में पड़ जाते हैं। इस स्थिति को बदलने की आवश्यकता है।

Topics: Rampurhat leaving CalcuttaSantali-English Dictionary by Father BodingChangai Sabhaचंगाई सभाHenभारत में ईस्ट इंडिया कंपनीTenकलकत्ता छोड़कर रामपुरहाटPenफादर बोडिंग ने संथाली-अंग्रेजी शब्दकोशहेनतेनपेनEast India Company in India
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

इलाहाबाद उच्च न्यायालय

चंगाई का सलीब फंसता गरीब

लोगों को बहकाकर उनको ईसाई मत में कन्वर्जन के आरोप में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया।

चंगाई सभा की आड़ में हो रहा था कन्वर्जन, ईसाई बनते ही बीमारी दूर होने का दे रहे थे झांसा, पुलिस ने 8 को किया गिरफ्तार

विनोद लाल से पूछताछ करते पुलिस अधिकारी

चंगाई सभा: पिपरमेंट युक्त तेल से दर्द में मिलती थी राहत, कुंड में स्नान कराकर बनाया जाता था ईसाई

प्रतीकात्मक चित्र

धार्मिक सभा के नाम पर कन्वर्जन कराने का आरोप, तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies