अमेरिका में बरसों से मौजूद भारत की सांस्कृतिक धरोहर अब क्रमिक रूप में अपने मूल देश भारत वापस आ रही हैं। और सिर्फ अमेरिका ही नहीं, दुनिया के अनेक देशों में तस्करी या अन्य रास्तों से पहुंची भारत की ये ऐतिहासिक सौगात अब मोदी सरकार के प्रयासों से वापस भारत आई हैं और लगातार आ रही हैं। अमेरिका के राजदूत ने ऐसी ही एक और घोषणा करके भारत के लोगों को गर्व की अनुभूति कराई है।
नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत है एरिक गार्सेटी। उन्होंने कल बताया कि अमेरिका की सरकार भारत की माटी की अति प्राचीन और सांस्कृतिक सौगात की अगली खेप वापस भेजने की तैयारी कर रहा है। ये ऐतिहासिक प्रतिमाएं और कला के विशिष्ट नमूने अब वापस भारत आने वाले हैं। और जैसा हमने बताया, खुद अमेरिकी राजदूत ने स्वीकारा कि ये अद्भुत प्रतिमाएं और कलात्मक वस्तुएं असल में भारत की ही हैं और, भारत की इस अमानत को भारत में ही होना चाहिए।
यानी अब जल्दी ही अमेरिका भारत की ऐतिहासिक दृष्टि से मूल्यवान 105 प्रतिमाएं भारत को वापस सौंपने वाला है। बता दें कि ये प्रतिमाएं द्वितीय और तृतीय शताब्दी से 18वीं से 19वीं शताब्दी तक के कालखंड की हैं। गार्सेटी ने कहा कि हम भारत के कलात्मक नमूनों को उसकी असली धरती पर भेजने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। दरअसल, भारत से ये प्रतिमाएं चोरी करके या अवैध तरीके से अमेरिका सहित दुनिया के विभिन्न देशों में पहुंची हैं।
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर थे। वहां भारत—अमेरिका सांस्कृतिक संपदा समझौते पर विस्तृत बात हुई थी। इसके साथ ही अब ऐतिहासिक कलाकृतियों की जो कालाबाजारी चल रही है उस पर रोक लग सकेगी। दोनों ही देश इस संबंध में आगे बातचीत जारी रखने वाले हैं, ऐसे कदम उठाने वाले हैं जिनसे भविष्य में भी इन प्रतिमाओं के भारत से अमेरिका पहुंचने पर वह देश उन्हें भारत की ऐतिहासिक कलाकृतियों को लौटा देगा।
ध्यान दें कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर थे। वहां भारत—अमेरिका सांस्कृतिक संपदा समझौते पर विस्तृत बात हुई थी। इसके साथ ही अब ऐतिहासिक कलाकृतियों की जो कालाबाजारी चल रही है उस पर रोक लग सकेगी। दोनों ही देश इस संबंध में आगे बातचीत जारी रखने वाले हैं, ऐसे कदम उठाने वाले हैं जिनसे भविष्य में भी इन प्रतिमाओं के भारत से अमेरिका पहुंचने पर वह देश उन्हें भारत की ऐतिहासिक कलाकृतियों को लौटा देगा।
राजदूत गार्सेटी ने जानकारी दी कि अमेरिका के एरिजोना प्रांत में बुद्ध भगवान की बड़ी सुंदर प्रतिमा है, वह भी जल्दी ही भारत लौटाने वाली है। इसके अलावा, वैदिक काल के मंदिरों की भी अनेक दुर्लभ कलाकृतियां भी अमेरिका भारत को वापस सौंपने वाला है।
दरअसल, न्यूयॉर्क के सुप्रसिद्ध मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट में कल एक कार्यक्रम हुआ था। उस में भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी के साथ अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी उपस्थित थे। इसी कार्यक्रम में राजदूत गार्सेटी ने उक्त जानकारी दी है।
गार्सेटी ने अपने भाषण में बताया कि भारत से बौद्ध धर्म एशिया, दक्षिण एशिया में गया। दुर्भाग्य से लोग विश्व के इतिहास में भारत के उल्लेखनीय योगदान के बारे में जानते ही नहीं हैं। जबकि हमें भारत के इस योगदान के प्रति आभार जताना चाहिए। यहां बता दें कि 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जब अमेरिका गए थे उस दौरान भी अमेरिका ने 16 ऐतिहासिक कलाकृतियां भारत को लौटाई थी। इसी तरह 2021 में अमेरिका की सरकार ने 157 दुर्लभ कलाकृतियां भारत को वापस सौंपी। और अब 105 प्रतिमाएं अपनी धरती पर वापस आने वाली हैं।
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