हरिद्वार। कांवड़ मेले का पहला चरण बीती रात समाप्त हो गया। पावन गंगा जल लेने आई लाखों कांवडियो की भीड़ छट गई। आज शिव रात्रि पर लाखों कांवड़िए अपने-अपने शिवालयों पर जलाभिषेक करने पहुंच गए हैं। हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने दावा किया है कि इस बार चार करोड़ 26 लाख कांवड़ियों ने हरिद्वार आकर पावन गंगा जल भरा और अपने- अपने शिवालयों की तरफ रवाना हुए हैं। हालांकि डीजीपी अशोक कुमार इस संख्या को थोड़ा कम बता रहे हैं, लेकिन हरिद्वार के स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी भारी संख्या में कांवड़िए पहले कभी नहीं देखे गए, जबकि मौसम लगातार खराब रहा। ऐसा कहा जा रहा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में बाढ़ के हालात नहीं होते तो ये संख्या पांच करोड़ के आसपास पहुंच जाती।
अधिमास के कारण आते-जाते रहेंगे शिव भक्त कांवड़िए
करीब तीन हफ्तों तक हरिद्वार कांवड़ मेले का पहला चरण चला। आज शिवरात्रि के बाद भी कांवड़ियों का आना जारी रहेगा। हालांकि इतनी संख्या नहीं होगी, जिससे मार्ग बाधित हो। लेकिन सावन के सोमवार को जलाभिषेक करने वाले शिव भक्त, शिव रात्रि के बाद भी हरिद्वार पहुंचेंगे। इनमें ज्यादातर डाक कांवड़िए होते हैं। शिव भक्तों के आने-जाने का दौर अगले एक माह में जारी रहने वाला है। आज शिव रात्रि पर ऋषिकेश के पास नीलकंठ महादेव में लाखों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक करने कतार में आगे बढ़ रहे हैं। देहरादून में टपकेश्वर महादेव में भी शिव भक्तों की रौनक है।
काशीपुर में मोटेश्वर महादेव, अल्मोड़ा में जागेश्वर, बागेश्वर में बागनाथ और बैद्यनाथ महादेव में भी शिव भक्तों की भीड़ जमा है। बाबा केदारनाथ में भी खराब मौसम के बावजूद हजारों की संख्या में शिव भक्त पैदल मार्ग से पहुंच रहे हैं और बाबा केदार के दर्शनों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यहां टोकन सिस्टम से दर्शन कराए जाते हैं। उत्तराखंड के सभी शिवालयों में भारी संख्या में शिव आराधना के लिए श्रद्धालु जमा हैं। हर तरफ बम- बम भोले की गूंज सुनाई दे रही है। हरिद्वार कांवड़ मेला इस बार यादगार रहा। दस हजार करोड़ से भी ज्यादा का व्यापार इस कांवड़ मेले में हुआ।
सीएम धामी ने शिव भक्तों का जीता दिल
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर कांवड़ियों का चरण धोकर उन्हें रवाना किया। उन पर पुष्प वर्षा की और हेलीकॉप्टर से भी पुष्प वर्षा करवाई। सीएम के निर्देश पर इस बार पुलिसकर्मियों का व्यवहार भी सौम्य रहा, जिसकी वजह से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
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