शिमला। लाहौल स्पीति के चंद्रताल में 300 पर्यटक पिछले 48 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं। यहां तापमान माइनस पांच से अधिक है। रास्ता बर्फ से अटा है। रेस्क्यू टीम इन तक पहुंचने के लिए जी-जान से जुटी हुई है।
एडीसी राहुल जैन का कहना है कि सबसे बड़ी मुश्किल खराब मौसम है। बावजूद इसके रेस्क्यू ऑपरेशन के दूसरे दिन मंगलवार को 12 किलोमीटर रास्ता बहाल किया गया है। अभी कुल 25 किलोमीटर और दूरी चंदरताल टैंट कैंप तक शेष बची है। भारी बर्फबारी के कारण तीन से चार फीट बर्फ कुंजम पास से चंदरताल बिछी हुई है। शाम को तापमान गिर जाता है। माइनस पांच से अधिक तापमान जा रहा है।
उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दूसरे दिन स्पीति प्रशासन ने छह सदस्यीय मैसेंजर टीम को कुंजुम दर्रे से चंदरताल टेंट कैंप के लिए दोपहर ढाई बजे भेजा। यह टीम शाम 6ः45 बजे पहुंच गई थी। इस मैसेंजर टीम में पांगमो गांव से गायलसन और तेंजिन नामका, हल गांव से नामग्याल और छेरिंग, लोसर गांव से जेई टशी केशग और केषांग पलजोर शामिल हैं। इनको सेटेलाइट फोन दिया गया है। चंदरताल में सभी लोग सुरक्षित हैं।
मंगलवार को रात 10 बजे तक सड़क खोलने का कार्य किया गया है। ऑपरेशन के तीसरे दिन बुधवार प्रातः साढ़े पांच बजे से सड़क खोलने का कार्य शुरू कर दिया है। काजा से समुदो मार्ग अभी बहाल नहीं हो पाया है। मार्ग बहाल करने का कार्य तीव्र गति से चला हुआ है। एडीसी राहुल जैन ने बताया कि बातल में भी कुछ लोग फंसे हो सकते हैं। इसलिए स्थानीय युवकों की टीम बातल में रेकी करने के लिए सुबह भेजी गई है। हमारा लक्ष्य बुधवार तक पहुंचने का है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में यह हैं शामिलः एसडीएम हर्ष नेगी, तहसीलदार भूमिका जैन, नायब तहसीलदार प्रेम चंद, एसएचओ संजय कुमार , टीएसी सदस्य वीर भगत, लोसर महिला मंडल भोजन व्यवस्था का जिम्मा संभाले हुए हैं। आईटीबीपी, बीआरओ, स्थानीय लोगों में छेवांग लिदांग गांव से, गोंपो क्यूलिग गांव से अमित मंडाला आदि शामिल हैं।
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