भोपाल : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को भोपाल प्रवास के दौरान राहुल गांधी और कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में लोगों को मौत के घाट उतार रही टीएमसी के साथ गठबंधन कर रही है।
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रविवार को ‘वत्सल भारत कार्यक्रम’ में शामिल होने के लिए भोपाल आईं थीं। यहां उन्होंने कार्यक्रम के समापन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या होते हुए लोग देख रहे हैं, जहां लोकतांत्रिक अधिकारों को जताने के लिए लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। उसी तृणमूल के साथ कांग्रेस हाथ मिला रही है, क्या राहुल गांधी को उनसे हाथ मिलाना मंजूर है, जो पश्चिम बंगाल में कहर मचा रहे हैं ? मौत का यह खेला राहुल गांधी को क्यों स्वीकार है ? ये प्रश्न उठता है।’
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि कानून में बदलाव से पहले देशभर की विभिन्न कोर्टों में गोद लेने के नौ सौ मामले लंबित थे। सरकार के कानून में बदलाव के बाद जिला प्रशासन को जिम्मेदारी दी गई और तब से एक वर्ष में देशभर में 2250 से अधिक गोद लेने की प्रक्रिया पूरी की गई है। मोदी सरकार से पहले देशभर में लगभग आठ से नौ हजार बच्चों को सुरक्षित किया जाता था, आज केंद्र सरकार लगभग 65 हजार बच्चों का गैर-संस्थागत देखभाल के तहत संरक्षण किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री ईरानी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित तीन राज्यों के ‘वत्सल भारत कार्यक्रम’ को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हम देशभर में ऐसी बेटियों (पीड़ितों) लिए लिए राशि 74 करोड़ रखने जा रहे हैं, ताकि समय पर उन्हें सहायता के रूप में यह मिल सके। इस राशि से पीड़ितों को प्रति माह चार हजार रुपये देगी। उनके कौशल विकास के लिए व्यवस्था की जाएगी और 18 साल की उम्र के बाद ही नहीं, बल्कि 23 साल की उम्र तक हम ऐसी बेटियों की रक्षा करते रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा कि चाइल्ड केयर इंस्टिच्यूशन (सीसीआई) से 14 लाख पचास हजार बच्चों की उनकी घर वापसी के लिए किए गए प्रयासों के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राज्य बाल आयोगों और बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई ने “मिशन वात्सल्य” के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और कहा, ”इसका उद्देश्य बाल कल्याण और संरक्षण के उद्देश्य के लिए कुशल और प्रभावी परिणाम के लिए अंतर-मंत्रालय और अंतर-मंत्रालय स्तर पर अभिसरण रणनीति (कन्वर्जेंस स्ट्रैटजी) को आगे बढ़ाना है।” उन्होंने लापता, अनाथ, परित्यक्त और आत्मसमर्पण करने वाले बच्चों से संबंधित विभिन्न एमआईएस के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से परामर्श कर बनाए गए डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर भी प्रकाश डाला।
इस सम्मेलन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आज का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा, क्योंकि ग्रामीण स्तर पर प्रथम उत्तरदाताओं से लेकर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री भी देश के बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एक ही छत के नीचे उपस्थित हैं। अपर सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संजीव कुमार चड्ढा ने विभिन्न राज्यों में चाइल्ड हेल्पलाइन की सफलता पर प्रकाश डाला।
उल्लेखनीय है कि भोपाल में बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण पर दूसरे एक दिवसीय क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया था । इसमें तीन राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने हिस्सा लिया । संगोष्ठी में बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी), किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी), ग्राम बाल संरक्षण समिति (वीसीपीसी) के सदस्यों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं समेत 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
सम्मेलन मुख्य रूप से किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन पर केंद्रित था। गोद लेने की प्रक्रियाओं पर इसके प्रभाव को संभावित दत्तक माता-पिता के अनुभव साझा किए गए। जेजे अधिनियम पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल, जिसे एमओडब्ल्यूसीडी ने एलबीएसएनएए, मसूरी के सहयोग से विकसित किया है, को कर्मयोगी आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर भी लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य उन सभी पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाना और क्षमता निर्माण करना है, जिन्हें ग्राम स्तर तक बाल सुरक्षा, बाल संरक्षण और बाल कल्याण के प्रावधानों के बारे में जागरूक होना आवश्यक है।
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