चमोली। भारतीय मानस में गुरुजन को भगवान से ऊपर का दर्जा क्यों दिया गया है और गुरु-शिष्य का रिश्ता क्या होता है, इसका उदाहरण चमोली में देखने को मिला। सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज गणाई में शिक्षक रमेश चन्द्र आर्य, (एलटी-अंग्रेजी) कार्यरत थे। शिक्षक रमेश चन्द्र आर्य का दुर्गम क्षेत्र में 18 साल की सेवा के बाद स्थानांतरण हुआ। उनके तबादले पर स्कूल के छात्र-छात्राएं रो पड़े। इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने उन्हें शानदार विदाई दी।
शिक्षक रमेश चन्द्र आर्य का अंग्रेजी विषय में रिजल्ट पिछले 18 सालों से 100 फीसदी रहा। उन्होंने अंग्रेजी जैसे कठिन विषय को रुचिकर बनाया और छात्र-छात्राओ के लिए बेहद आसन बनाया। रमेश चन्द्र आर्य जैसे शिक्षकों की वजह से लोगों का सरकारी विद्यालय के प्रति भरोसा और विश्वास बढ़ा है।
उन्होंने दुर्गम स्थल में तैनाती को मिशन मोड में लिया और अपनें कर्तव्यों का भली भाँति निर्वहन करके दुर्गम की परिभाषा ही बदल डाली।
शिक्षक आर्य की विदाई समारोह में हर कोई भावुक था। क्या बच्चे क्या बुजुर्ग, सब रो पड़े। उन्हें शिक्षक आर्य के तबादला होने पर यहाँ से चले जाने का दुख है। ग्रामीणों और स्कूल के छात्र छात्राओ नें अपने गुरु जी को फूल-माला और ढोल दमाऊं, बैंड- बाजे के संग कभी न भूलने वाली विदाई दी।
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