संकेत मिले हैं कि खालिस्तान आतंकियों, उनके समर्थकों और अलगाववादियों पर अब बहुत जल्द कड़ा प्रहार होने जा रहा है। इस संबंध में मूलभूत तैयारियां हो चुकी हैं। भारत की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें चौकस हैं, विशेषकरर विदेशों में भारतीय दूतावासों पर जिस प्रकार के खालिस्तानियों के हिंसक हमले देखने में आए हैं, उसके बाद तो भारत के इन दुश्मनों को चिन्हित करके सख्त सजा दिए जाने की मांग तेज हो गई है। इस संबंध में सबसे महत्वपूर्ण जानकारी ये सामने आई है कि सुरक्षा एजेंसियों ने विदेशों से मिली सूचनाओं के आधार पर आतंकवादियों की एक सूची भी तैयार कर ली है।
पुख्ता सूत्रों के अनुसार, भारत की प्रमुख जांच एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी या एनआईए अब इस मामले में और सक्रिय हो गई है। इस एजेंसी ने हाल ही में एक ‘मोस्ट वांटेड लिस्ट’ जारी की है। इस सूची में ऐसे 21 आतंकियों के नाम दिए गए हैं जिन पर जल्दी ही कार्रवाई किए जाने के आसार हैं।
सूची में आए इन खालिस्तानियों में से अनेक विदेशों में हैं। ऐसे 21 आतंकियों में वे भी शामिल बताए जा रहे हैं जो कनाडा, अमेरिका, पाकिस्तान और यूके में भारत विरोधी हरकतें चलाए हुए हैं। इन्हीं के कथित इशारे पर भारतीय दूतावासों के अधिकारियों को धमकियां दी गईं और दूतावास की इमारतों पर हमले के अलावा वहां के स्टाफ को आतंकित किया गया। इतना ही नहीं, विदेशों में मंदिरों पर भी इन खालिस्तानियों ने निशाना साधा हुआ है।
विदेशों में मौजूद खालिस्तानियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की दिशा में एनआईए का एक दल जल्दी ही अमेरिका के सान फ्रांसिस्को शहर जाएगा। इस शहर में स्थित भारतीय काउंसलेट पर पिछले दिनों खालिस्तानियों ने हमला बोला था और यहां कार्यरत राजनयिकों के विरुद्ध जहर उगलते पोस्टर लगाए थे। इतना ही नहीं, खालिस्तानियों ने भारत के इस वाणिज्य दूतावास में आग लगाने का असफल प्रयास किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने ‘मोस्ट वांटेड’ खालिस्तानियों के नाम और उनके फोटो भी सूची में दर्शाए हैं। इस सूची पर गौर करें तो इसमें कुख्यात खालिस्तानी आतंकियों के एक लंबी श्रृंखला दिखती है। जैसे, लखबीर सिंह, मनदीप सिंह, सतनाम सिंह, अमरीक सिंह वे कुख्यात और भारत के विरुद्ध साजिशें रचने में सबसे आगे हैं। इन आतंकवादियों की पूरी जानकारी भी दी गई है।
यहां बता दें कि भारत की विश्व विख्यात सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार सूची में सबसे पहला नंबर सिख्स फ़ॉर जस्टिस का बेहद जहरीला मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू का है। यह वही अलगावादी खालिस्तानी है जो आएदिन विदेशों में ‘जनमत’ और अलगाववाद के विषैले बीज रोपने की कोशिश करता रहता है और हर जगह सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लताड़ा जाता है। यह नफरती साहित्य प्रकाशित करके आम जनता में भारत विरोधी भावनाएं भड़काने का प्रयास करता रहता है। कहा जाता है कि इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विदेशों में मौजूद खालिस्तानियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की दिशा में एनआईए का एक दल जल्दी ही अमेरिका के सान फ्रांसिस्को शहर जाएगा। इस शहर में स्थित भारतीय काउंसलेट पर पिछले दिनों खालिस्तानियों ने हमला बोला था और यहां कार्यरत राजनयिकों के विरुद्ध जहर उगलते पोस्टर लगाए थे। इतना ही नहीं, खालिस्तानियों ने भारत के इस वाणिज्य दूतावास में आग लगाने का असफल प्रयास किया था। भारत ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और अमेरिका के विदेश विभाग ने भी घटना पर गंभीर टिप्पणी करते हुए सुरक्षा बढ़ाने की बात की थी।
इस संबंध में एक डोसियर भी बनाया गया है जिसमें कुख्यात खालिस्तानी आतंकियों की पूरी जानकारी के साथ ही उन संगठनों का भी उल्लेख है जो ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। भारत के इंटेलीजेंस ब्यूरो के साथ ही राज्यों के पुलिस अधिकारियों और एजेंसियों ने इस डोसियर को तैयार करने में मदद की है।
उल्लेखनीय है कि इन आतंकियों के विरुद्ध एक ‘लुक आउट सर्कुलर’ भी जारी किया गया है। जिन उग्रपंथी, आतंकी संगठनों का इस डोसियर में उल्लेख है, उनमें से प्रमुख हैं—सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे), इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन(आईएसवाईएफ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स (केटीएफ), खालिस्तानी लिबरेशन फ़ोर्स (केएलएफ), खालिस्तान ज़िंदाबाद फ़ोर्स (केजेडएफ), खालिस्तान कमांडो फ़ोर्स (केसीएफ) तथा दल खालसा इंटरनेशनल (डीकेआई)। माना जा रहा है कि ऐसे करीब 25 खालिस्तानी आतंकियों के विरुद्ध जल्दी ही कड़ी कार्रवाई होगी और भारत के दुश्मनों को सबक सिखाया जाएगा।
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