पड़ोसी इस्लामी देश के हाल खराब हैं। खाने—पीने की चीजें महंगी होते हुए आम आदमी की पहुंच से दूर हो चुकी हैं। लोग मजबूर हैं, लेकिन राजनीतिक लोग भी कुर्सी की मारामारी में लगे रहने को मजबूर हैं। नेता इस्लामाबाद, पिंडी, लाहौर, दुबई से लेकर लंदन तक कुर्सी की जोड़तोड़ में लगे हैं। जनता की कोई फिक्र नहीं। ऐसे में वह महकमा भी अपराध करने को मजबूर हो चला दिखता है जिसे अपराध रोकने की पगार मिलती है। कराची से आए समाचार से पता चलता है कि वहां पुलिस वाले ही खाने के तेल के कनस्तरों पर हाथ साफ कर रहे हैं। तीन अपराधियों को तो हिरासत में भी लिया गया है।
पाकिस्तानी पुलिस की गाड़ी में गोदाम से खाने के तेल के कनस्तर ले जाते इन पुलिस वालों को वहीं की पुलिस ने दबोचा है। बताते हैं, यह धरपकड़ पक्की जानकारी पर चले एक गुप्त ऑपरेशन के बाद हुई है। और पता यह भी चला है कि यह गिरोह पिछले 16 साल से लूटपाट करता आ रहा था। ये अपराधी खासकर खाना बनाने के तेल के पीपे ले जाने वाली गाड़ियों पर निशाना साधते आ रहे थे।
एक तरफ भूखे देश को कुछ दिन और जिलाए रखने की जुगत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और दूसरे नेता कई अन्य देशों और आईएमएफ के सामने उधार देने की अर्जियां लगाते घूम रहे हैं तो इधर सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे तक नहीं हैं। गरीब जनता दो जून रोटी के लिए तरस रही है।
कराची में पुलिस की गाड़ी में ही खाना पकाने के तेल के कनस्तर पाए जाने और ‘पुलिस वालों’ की इसमें संलिप्तता पाए जाने के बाद आम पाकिस्तानी हैरान हैं। कराची के मध्य जिले में यह घटना देखने में आई है जो देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है।
कराची पुलिस ने बताया कि तेल के डिपो के मालिक और कर्मचारी को प्रभाव में लेकर पुलिसकर्मी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते आ रहे थे। पुलिस के अनुसार, पिछले महीने ही ऐसी दर्जन भर घटनाएं देखने में आई थीं। तेल की लूट करके आरोपी ’पुलिस वाले’ उसे गोदाम में छुपाकर रख देते थे।
एएनआई एजेंसी की रिपोर्ट है कि कराची पुलिस ने खाना पकाने के तेल को लूटने वाले तीन ‘पुलिस वालों’ को गिरफ्तार किया है। कराची पुलिस ने एक आपरेशन करते हुए छापेमारी की, जिसमें पता चला है कि इस लूटमार गिरोह में कुल पांच लोग शामिल हैं।
कराची पुलिस ने बताया कि तेल के डिपो के मालिक और कर्मचारी को प्रभाव में लेकर पुलिसकर्मी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते आ रहे थे। पुलिस के अनुसार, पिछले महीने ही ऐसी दर्जन भर घटनाएं देखने में आई थीं। तेल की लूट करके आरोपी ’पुलिस वाले’ उसे गोदाम में छुपाकर रख देते थे।
कराची के क्लिफ्टन क्षेत्र की पुलिस ने जानकारी मिलने के बाद इन हरकतों का खुलासा करने के लिए एक गुप्त अभियान चलाया था। क्लिफ्टन के अलावा डिफेंस इलाके से भी ऐसी घटनाएं होने की जानकारी मिली थी। गुप्त अभियान के बाद, तीन अपराधी पकड़ में आए हैं।
खाने का तेल ही नहीं, इस गिरोह के कब्जे से पुलिस को बड़ी मात्रा में जेवरात तथा दूसरी लग्जरी चीजें भी मिली हैं। इनकी कीमत लाखों डॉलर बताई गई है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, ये गिरोह पिछले कई साल से इलाके में सिरदर्द बना हुआ था और बड़ी संख्या में इसके विरुद्ध शिकायतें मिलती रही हैं। लेकिन शायद उस अधिकारी को यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि इन घटनाओं में ‘पुलिस’ का ही हाथ हो सकता है।
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