पाकिस्तान में कंगाली में गीले आटे के साथ भी मजहबी उन्माद चरम पर है। बेहाली की इन परिस्थितियों में भी वहां अल्पसंख्यकों के दमन की आएदिन घटनाएं हो रही हैं और प्रशासन संसाधनों की कथित लूट और राजनीतिक उछलकूद में व्यस्त है। पिछले दिनों घटी एक घटना का समाचार लाहौर से आया है। यहां एक ईसाई महिला को इसलिए मार डाला गया है क्योंकि उसने इस्लाम में कन्वर्ट होने से मना किया था। यह बात इस्लाम के ठेकेदारों को रास नहीं आई और उस महिला की जान ले ली गई।
घटना लाहौर के मीर टाउन क्षेत्र की है। यहां एक ईसाई महिला, शाजिया इमरान मसीह, जिसके तीन बच्चे हैं, लाहौर मैनेजमेंट साइंस यूनीवर्सिटी में काम करती थी। उस पर मजहबी उन्मादी कुछ दिनों से इस्लाम अपनाने का जोर डाल रहे थे, लेकिन वह अपने मत पर अड़ी रही थी। आखिरकार पिछले दिनों इस्लामवादियों ने उसका कत्ल कर दिया। कत्ल से पहले उसका सामूहिक बलात्कार किया गया था। फिर उसके गले की नस काटी गई और फिर शरीर पर एसिड डाला गया।
बताया जा रहा है कि तीन बच्चों की मां उस महिला को कुख्यात स्थानीय अपराधी तत्व नोमान गुज्जर और उसके तीन अन्य साथियों ने मार डाला है। हत्या करने के बाद हत्यारों ने उस महिला के चेहरे पर एसिड गिराया, इस गरज से कि यह एक हादसा था, जानबूझकर नहीं मारा गया।
पाकिस्तान में किसी न किसी बहाने हिन्दुओं और ईसाइयों को यूं भी निशाना बनाया ही जाता रहा है। इस्लाम कबूल न करना भी एक ऐसा ‘अपराध’ है जिसे कट्टरपंथी इस्लामी तत्व बर्दाश्त नहीं कर पाते। कानून भी ऐसे तत्वों की तरफ से आंखें मूंदे रहकर उनको एक प्रकार से संरक्षण ही देता है। आखिर ‘इस्लाम की इज्जत’ का सवाल जो ठहरा! बहुत संभव है कि इस घटना के अपराधियों को उनका फेंका ‘एसिड बचा ले जाए’ कि सच में वह एक ‘हादसा’ ही था।
हत्या से तीन दिन पहले शाजिया ने एक रिश्तेदार को बताया था कि नोमान उसके पीछे पड़ा है और अगर वह इस्लाम कबूल करके उसके साथ निकाह नहीं करेगी तो उसने कहा कि वह उसे मार डालेगा। पुलिस ने आखिरकार मुख्य अपराधी नोमान को तो पकड़ लिया है, लेकिन उसके तीन अन्य साथियों को भी पकड़ा जाएगा, शाजिया के नातेदारों को इसमें संदेह है।
वह महिला एक लंबे समय से लाहौर के उस मेहर टाउन क्षेत्र में रह रही थी और जैसा पहले बताया लाहौर मैनेजमेंट यूनीवर्सिटी में कर्मचारी थी। पिछले साल उसके पति की भी हत्या हो चुकी है। वह ईसाइयत पर ही अड़ी रही, कन्वर्ट होने से कई बार मना कर चुकी थी। बस उसका अपने मत पर टिके रहना ही उसकी मौत का कारण बना। एक वजह और पता चली है। नोमान उस विधवा महिला से निकाह करने के लिए उस पर तरह तरह से दबाव बनाता आ रहा था। इसके लिए शाजिया को कन्वर्ट किया जाना जरूरी था। लेकिन शाजिया भी उसका भरपूर विरोध करती आ रही थी।
हत्या से तीन दिन पहले शाजिया ने एक रिश्तेदार को बताया था कि नोमान उसके पीछे पड़ा है और अगर वह इस्लाम कबूल करके उसके साथ निकाह नहीं करेगी तो उसने कहा कि वह उसे मार डालेगा। पुलिस ने आखिरकार मुख्य अपराधी नोमान को तो पकड़ लिया है, लेकिन उसके तीन अन्य साथियों को भी पकड़ा जाएगा, शाजिया के नातेदारों को इसमें संदेह है।
दरअसल पाकिस्तान में कंगाली के हालात से बाहर आने के लिए लोग अपराधों की तरफ भाग रहे हैं। भूखे मरते कट्टर तत्व अब लूटमार और हत्या करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान में कंगाली के साथ ही, अपराध के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। भुखमरी मुंहबाए खड़ी है। पाकिस्तान में लोग में हताश और निराशा बहुत ज्यादा देखने में आ रही है। वहां के अनेक युवा तनाव के कारण नशे के शिकार होते जा रहे हैं।
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