सॉफ्टवेयर कंपनियां भी नये खतरों का सामना करने तथा इस बीच सामने आई कमजोरियों के समाधान के लिए सुरक्षा अपडेट्स का सहारा लेती हैं जो आपके मूल सॉफ्वटेयर में नयी क्षमताएं जोड़ देते हैं।
कम्प्यूटर, स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच और दूसरे डिजिटल उपकरणों तथा अनुप्रयोगों के लिए नियमित रूप से जारी किये जाने वाले तीन तरह के अपडेट में से सबसे महत्वपूर्ण और अपरिहार्य हैं- सुरक्षा (सिक्यूरिटी) अपडेट। बाकी दो हैं- कार्यक्षमता अपडेट और फीचर अपडेट। सुरक्षा अपडेट की महत्ता इसके नाम से स्पष्ट है जो संकेत करता है कि यह आपके उपकरण, कामकाज और डेटा की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
डिजिटल विश्व में एक ओर विकासकर्ता (डेवलपर) हैं तो दूसरी तरफ हैकर। विकासकर्ता तकनीकी क्षमताओं तथा डिजिटल सुरक्षा को लगातार बेहतर बनाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं तो हैकर भी उतनी ही कुशलता से डिजिटल (हार्डवेयर, सॉफ़्टवेयर और सेवाएं) प्रणालियों में सेंध लगाने के नये तरीके खोजते रहते हैं। दुनिया का डिजिटल ढांचा दशकों से सुरक्षित ढंग से चलता आया है।
इसलिए यह बात स्पष्ट है कि फिलहाल स्थितियां अच्छे लोगों के पक्ष में हैं। लेकिन हैकर और अन्य साइबर अपराधी यदा-कदा डिजिटल विश्व के बड़े-बड़े संस्थानों को आघात पहुंचाने में सफल होते रहे हैं। आम आदमी की तो बात ही क्या। यह रुझान इसी तरह चलता रहे तो हम सबके हित में है, अन्यथा जिस दिन साइबर अपराधियों का पलड़ा भारी हो गया, उस दिन इस विश्व की स्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है जो अपने हर छोटे-बड़े कार्य के लिए डिजिटल प्रणालियों पर निर्भर है।
साइबर चुनौतियों के दौर में वह कैसे सुरक्षित रहे, अपने उपकरण या सिस्टम का कैसे बचाव करे? आपकी बचावी रणनीति के तीन अहम स्तंभ हैं- चुनौतियों की जानकारी, अपने डिजिटल सिस्टम में आवश्यक साइबर सुरक्षा व्यवस्था (एंटी-वायरस, फायरवॉल, वीपीएन आदि) और अपने आपरेटिंग सिस्टम (विंडोज, मैक, लिनक्स, एंड्रोइड आदि) तथा सॉफ्टवेयरों के लिए जारी होने वाले अपडेट को इन्स्टॉल होने देना।
विश्वव्यापी डिजिटल, साइबर, इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों को सुरक्षित बनाये रखने का दायित्व सिर्फ सरकारों का नहीं है। वह सिर्फ तकनीकी कंपनियों का भी नहीं है। वह आपका और हमारा भी है। किसी एक प्रयोक्ता की गलती, चूक, लापरवाही या करतूत बहुत बड़े स्तर पर हानि पहुंचाने का जरिया बन सकती है।
लेकिन इतनी बड़ी साइबर चुनौतियों के दौर में वह कैसे सुरक्षित रहे, अपने उपकरण या सिस्टम का कैसे बचाव करे? आपकी बचावी रणनीति के तीन अहम स्तंभ हैं- चुनौतियों की जानकारी, अपने डिजिटल सिस्टम में आवश्यक साइबर सुरक्षा व्यवस्था (एंटी-वायरस, फायरवॉल, वीपीएन आदि) और अपने आपरेटिंग सिस्टम (विंडोज, मैक, लिनक्स, एंड्रोइड आदि) तथा सॉफ्टवेयरों के लिए जारी होने वाले अपडेट को इन्स्टॉल होने देना।
सुरक्षा अपडेट कुछ महीनों के दौरान सामने आई नयी साइबर चुनौतियों तथा सॉफ्टवेयर की सुरक्षा संबंधी संवेदनशीलताओं का समाधान करने के लिए जारी किये जाते हैं। हमारे घर की दीवार में अगर कहीं कोई हल्की सी दरार दिख रही है तो हम उस पर सफेद सीमेंट, पुट्टी या एम-सील जैसा कुछ उपक्रम करके उसे फिर से सुरक्षित बना लेते हैं न?
साथ ही अगर पता चले कि चोरों के किसी समूह द्वारा घरों के बाहर लगी बत्तियों को फोड़कर भीतर घुसने की घटनाएं सामने आई हैं तो हम उन्हीं बत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए उन पर धातु की जाली लगवा सकते हैं न? बिलकुल इसी तर्ज पर सॉफ्टवेयर कंपनियां भी नये खतरों का सामना करने तथा इस बीच सामने आई कमजोरियों के समाधान के लिए सुरक्षा अपडेट्स का सहारा लेती हैं जो आपके मूल सॉफ्वटेयर में नयी क्षमताएं जोड़ देते हैं।
कुछ महीने पहले, नवंबर 2022 में माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज में साइबर सुरक्षा से जुड़ी 68 आशंकाओं के समाधान के लिए एक सुरक्षा अपडेट जारी किया था। इसी तरह, अप्रैल 2023 में गूगल ने एंड्रोइड आपरेटिंग सिस्टम 11, 12, 12 एल और 13 से जुड़ी आशंकाओं का समाधान करते हुए अपडेट जारी किये जिनमें से दो इस आशंका को रोकने के लिए थे कि कोई हैकर दूर बैठे-बैठे आपके सिस्टम में अपना प्रोग्रामिंग कोड चलाकर मनचाहा नुकसान पहुंचा सकता है।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट में ‘निदेशक- भारतीय भाषाएँ और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं)
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