लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने हाल ही में सद्दाम शेख को गिरफ्तार किया. सद्दाम शेख फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से आतंकी विचारधारा को आगे बढ़ा रहा था। शुरुआती जानकारी में पता लगा था कि सद्दाम उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद का रहने वाला है मगर उसकी पत्नी ने पुलिस को बताया कि सद्दाम गुजरात से गोंडा आया था. पूछने पर वह बताता था कि उसके माता-पिता का देहांत हो चुका है और वह गुजरात का मूल निवासी है. उसने गुजरात का जो पता बताया था. वह प्रमाणिक नहीं है. उसने सोशल मीडिया पर यहां तक पोस्ट किया था, ‘जिहाद मेरे खून में है और कुर्बानी से नहीं डरेंगे।’
सद्दाम की पत्नी रुबिका का कहना है कि पिछले साल अक्टूबर से सद्दाम घर नहीं आया है. वह सन 2005 में गुजरात से गोंडा आया था. गोंडा के रहने वाले एक युवक के साथ ही सद्दाम वहां पहुंचा था. इसके बाद उसने अपना राशन कार्ड बनवा लिया था. रुबिका का कहना है कि सद्दाम बेहद शांत रहता था और कर्नाटक में वाहन चालक का काम करता है। उसके तीन बच्चे हैं. तीनों मदरसा में पढ़ते हैं. पुलिस को सद्दाम के सोशल मीडिया अकाउंट से बेहद गंभीर जानकारी हाथ लगी है. वह जिहाद का समर्थन करता था और आपत्तिजनक पोस्ट करता था.
खतरनाक इरादे से पोस्ट कर रहा था
सद्दाम शेख यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी आतंकी विचारधारा वाले पोस्ट सोशल मीडिया पर कर रहा था. उसके कई आपत्तिजनक पोस्ट एटीएस के हाथ लगे हैं. सोशल मीडिया पर सद्दाम शेख ने लिखा कि “संविधान में परिवर्तन पर मुसलमानों को जागना होगा. जिहाद मेरे खून में है. हम कुर्बानी से नहीं डरेंगे. चुनी हुई सरकार मुसलमानों पर ज्यादती कर रही है. बाबरी मस्जिद के फैसले से मैं नाराज हूं. बदले की चाहत है. ओसामा बिन लादेन और वुरहान वानी मेरे आदर्श हैं. एटीएस विवेचना में पाया है कि सद्दाम भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से अशोक चक्र को हटाकर वहां पर इस्लामिक चिन्ह लगाना चाहता था. सद्दाम लगातार आपत्तिजनक पोस्ट फेसबुक पर कर रहा था जिसकी वजह से फेसबुक ने उसका 3 बार अकाउंट ब्लॉक कर दिया था.
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