शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक को लेकर पिछले दिनों अनेक तरह के कयास लगाए गए थे कि इसमें पुतिन और शी शामिल होंगे कि नहीं! बैठक कहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते हो भी पाएगी कि नहीं! अगर हुई तो इसमें एजेंडा किस तरफ झुकता दिखेगा, आदि। लेकिन आज सुबह आखिरकार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यह महत्वपूर्ण बैठक हुई। सभी देशों के शीर्ष नेताओं ने बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के अलावा पाकिस्तान, ईरान, रूस तथा अन्य मध्य एशियाई देशों के नेताओं ने इस मंच के महत्व को रेखांकित किया। बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया कि आतंकवाद से एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। उन्होंने इस मौके पर अफगानिस्तान में सहायता की जरूरत पर बल दिया।
आतंकवाद क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति के लिए खतरा बन चुका है। अब समय आ गया है कि इसके विरुद्ध एक निर्णायक कदम उठाया जाए। बिना पाकिस्तान का नाम लिए मोदी ने यहां तक कहा कि कुछ देशों की नीति में सीमापार आतंकवाद भी शामिल है। एससीओ को ऐसे देशों को कठघरे में खड़ा करना चाहिए। हमें हर तरह के आतंकवाद से लड़ना होगा।
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया आज अनेक विवादों, तनाव तथा कोरोना की महामारी के प्रभाव से जूझ रही है। साथ ही खाद्य, ईंधन तथा उर्वरक की समस्या भी विष्व के सामने एक बड़ी चुनौती हैं। मोदी ने स्पष्ट कहा कि हम सबको एक समूह के तौर पर साथ-साथ चिंतन करने की जरूरत है। इस मौके पर उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ने की बात कही। इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी ने वजह भी बताई। उनके अनुसार, आतंकवाद क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति के लिए खतरा बन चुका है। अब समय आ गया है कि इसके विरुद्ध एक निर्णायक कदम उठाया जाए। बिना पाकिस्तान का नाम लिए मोदी ने यहां तक कहा कि कुछ देशों की नीति में सीमापार आतंकवाद भी शामिल है। एससीओ को ऐसे देशों को कठघरे में खड़ा करना चाहिए। हमें हर तरह के आतंकवाद से लड़ना होगा।
इसके बाद आश्चर्यजनक रूप से बैठक में शामिल हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि वह इस बैठक के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद अदा करते हैं। पुतिन ने साफ शब्दों में कहा कि मॉस्को नई दिल्ली के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर जो मत व्यक्त किया गया है उसका समर्थन करता है। पुतिन ने इसे समग्र दृष्टिकोण बताया। उन्होंने कहा कि हम सब एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूती देना जारी रखने वाले हैं। पुतिन ने अपने संबोधन में माना कि इस एससीओ बैठक का एक प्रमुख मुद्दा अफगानिस्तान के वर्तमान हालात हैं, जो कि बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। बेशक, एससीओ के सदस्य देशों की प्राथमिकता आतंकवाद, कट्टरपंथ और ड्रग तस्करी के विरुद्ध लड़ाई है।
बैठक को संबोधित करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अर्थ जगत में सबके सहयोग की जरूरत पर बात की तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अपील की कि अफगानिस्तान को मानवीय मदद दी जाए।
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