शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों के 22वां शिखर सम्मेलन मंगलवार को होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में भारत इसकी मेजबानी करेगा। यह सम्मेलन आभासी यानी वर्चुअल प्रारूप में होगा। भारत ने 16 सितंबर, 2022 को समरकंद में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन में इसकी अध्यक्षता ग्रहण की थी।
इस बार शिखर सम्मेलन का विषय ‘एक सुरक्षित एससीओ की ओर’ है। 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री द्वारा सिक्योर (सुरक्षित) का अर्थ सुरक्षा, अर्थव्यवस्था व व्यापार, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता का सम्मान और पर्यावरण बताया था। एससीओ की भारत की अध्यक्षता के दौरान इन विषयों पर प्रकाश डाला गया है।
भारत का दावा है कि उसकी अध्यक्षता में एससीओ के सदस्य देशों के बीच गतिविधियां बढ़ीं और पारस्परिक रूप सहयोग भी बढ़ा। भारत ने 14 मंत्रिस्तरीय बैठकों सहित कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है। भारत हमेशा से एससीओ में एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी अध्यक्षता की परिणति के रूप में एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की आशा करता है।
सभी एससीओ सदस्य देशों को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके अलावा, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है। एससीओ की परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
दो एससीओ निकाय (सचिवालय और एससीओ आरएटीएस) के प्रमुख सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र, आसियान, सीआईएस, सीएसटीओ, ईएईयू और सीआईसीए शामिल हैं।
भारत ने कहा है कि अपनी अध्यक्षता में स्टार्टअप्स और इनोवेशन, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशन, युवा अधिकारिता और साझा बोद्ध विरासत जैसे सहयोग के नए स्तंभ स्थापित किए हैं। इसके अलावा भारत ने लोगों के बीच अधिक से अधिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है जो हमारे देशों के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत बंधनों का जश्न मनाते हैं। इनमें 2022-23 के लिए पहली बार एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के ढांचे के तहत वाराणसी द्वारा आयोजित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत 2005 में एससीओ में शामिल हुआ और 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में समूह का पूर्ण सदस्य बन गया। पिछले छह वर्षों में, भारत ने सभी एससीओ परिचालनों में सक्रिय और सकारात्मक भूमिका निभाई है।
टिप्पणियाँ