समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर देश में पिछले कई दिनों एक बहस सी छिड़ी गई है। हर राजनीतिक दल इस मामले में अपने विचार सामने रख रहा है। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपना समर्थन दिया है। उन्होंने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी यूसीसी का विरोध नहीं करती है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि विशाल आबादी वाले भारत देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। जिनके जीवन जीने की शैली के अलग-अलग तौर तरीके एवं रस्म रिवाज हैं । वहीं दूसरी तरफ यह बात भी सोचने वाली है कि यहां प्रत्येक धर्म को मानने वाले लोगों पर हर मामले में एक समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत ही होगा।
बीएसपी चीफ मायावती ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के खिलाफ नहीं है, उनका मानना है कि इससे सांप्रदायिक सद्भाव पैदा होगी। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि इससे आपसी भाईचारा, सौहार्द माहौल पैदा होगा। भारतीय संविधान की धारा 44 में यूनिफार्म सिविल कोड अर्थात यूसीसी को बनाने का प्रयास वर्णित है।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आगे कहा कि यूसीसी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 44 में समान सिविल संहिता बनाने का प्रयास वर्णित है जिसमें संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य पूरे देश में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने के खिलाफ नहीं है।
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