देहरादून। भाजपा ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर कांग्रेस के नेताओं के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके पास अभी भी मौका है, सदन में ड्राफ्ट आने पर सुझाव देने का कार्य कर सकते हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा यूसीसी का ड्राफ्ट मिलते ही मानसून सत्र में बीजेपी सरकार इसे सदन के पटल पर रखेगी। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रम फैलाने के बजाय उन्हें अपना मत स्पष्ट करना चाहिए कि वे यूसीसी के साथ खड़े हैं कि नही?
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए भट्ट ने कहा कि अमूमन देखा गया है कि प्रत्येक विषय पर या तो कांग्रेस या तो दुविधा में रहती है या जनता को दुविधा में रखने का प्रयास करती है।जिसका ताजातरीन उदाहरण हैं कॉमन सिविल कोड और स्टिंग प्रकरण में सीबीआई जांच को लेकर आए कांग्रेस नेताओं के विरोधाभासी बयान। उन्होंने कहा कि आज हरीश रावत जी अनुसूचित जाति जनजाति, विभिन्न धर्मस्थलों एवं सामाजिक वर्गों को इस प्रक्रिया में नजरंदाज करने की बात कर रहे हैं और शायद उन्हे जानकारी नहीं है कि ड्राफ्ट कमेटी विगत एक वर्ष से अनेकों बार इन तमाम पक्षों के साथ बैठकर सुझाव ले चुकी है। अब उनकी पार्टी सुझाव के लिए आमंत्रित होने पर भी बैठक में नहीं जाएंगे तो इस तरह के भ्रामक बयान ही सामने आएंगे। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को जवाब देते हुए कहा, 1.25 करोड़ उत्तराखंडवासियों को एक समान कानूनी अधिकार देने के प्रयास जिन्हें बखेड़ा खड़ा करना लगता हो उनके लिए वर्ग विशेष का तुष्टिकरण ही सबसे बड़ा कानून है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा के जबरन कानून थोपने के आरोप पर पलटवार कर कहा कि ड्राफ्ट कमेटी के आमंत्रण पर तो सभी धर्म के प्रतिनिधियों ने अपनी राय बैठक में रखी है और किसी धर्म विशेष के लोगों को भी इसको लेकर अधिक आपत्ति भी नही है। सिवाय अल्पसंख्यक वोट बैंक की राजनीति करने वाली पार्टियों और इन वोटों के धार्मिक ठेकेदारों के किसी को आपत्ति नहीं है।
उन्होंने जबरन व एकतरफा कानून थोपने के बयान पर तंज किया कि उनके निर्देशों पर ही कांग्रेस पार्टी ने अधिकृत रूप से ही बैठक में शामिल होने से इंकार किया होगा, आज सत्ता पक्ष के नहीं सुनने की बात कर रहे हैं ?
भट्ट ने कहा कि यूसीसी की धुरविरोधी कांग्रेस को भी आभास हो रहा है कि राज्य के ड्राफ्ट को प्रत्येक उत्तराखंडवासी और देशभर से भरपूर समर्थन मिल रहा है। जनभावनाओं को महसूस करते हुए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के विचार भी इस कानून को लेकर परिवर्तित हुए हैं। यही वजह है कि वर्ग विशेष के मतों के लालच में कांग्रेस के मन में यूसीसी का विरोध तो है लेकिन जन दबाव में जुबान पर स्वीकार करने से हिचकते हुए अन्य लोगों की राय को आड़ बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी तो समिति द्वारा तैयार ड्राफ्ट सरकार के पास आएगा जिसे विधानसभा में पेश किया जाएगा । लिहाजा कांग्रेस को परेशान होने व जनता को भ्रमित करने की जरूरत नहीं है, सदन में भरपूर मौका होगा उनके पास सुझाव देने या विरोध करने का। जहां तक सवाल है भाजपा का, तो यह विषय हमारे कोर एजेंडे का हिस्सा रहा है और विधानसभा चुनावों में जनता से किया हुआ वादा है। लिहाजा हमारी सरकार राज्य में यूसीसी को लागू कर अपना वादा पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जैसे ही सरकार के पास ड्राफ्ट आएगा, उसे शीघ्र मानसून सत्र में लाकर पेश कर पास करवाया जाएगा। क्योंकि राज्य की जनता का पार्टी को बहुमत देने के पीछे बड़ा उद्देश्य एक समान कानून की चाह भी है ।
भट्ट ने स्टिंग प्रकरण को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, इन्होंने ही सीबीआई जांच की मांग की थी और अब इन्ही को आपत्ति है और यही लोग दुखद अंकिता प्रकरण में सीबीआई जांच पर अड़े थे अब सीबीआई में खोट नजर आ रहा है । उन्होंने सलाह देते हुए कहा, आज प्रत्येक विषय पर कांग्रेस को अपना स्टैंड क्लियर करने की आवश्यकता है।
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