डब्ल्यूसीसीबी ने देश के चुनिंदा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को चेताया है कि वो अपने बाघों और अन्य जानवरों की सुरक्षा में चौकसी बरतें। दरअसल, मानसून में टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाते हैं, जिसकी वजह से शिकारियों को जंगल में घुसपैठ करने में आसानी हो जाती है।
वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अपर निदेशक एचवी गिरिशा ने उत्तराखंड के कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशकों को पत्र लिखकर हिदायत दी है कि वो मानसून में बाघों की सुरक्षा के कड़े इंतजाम करें। कॉर्बेट प्रशासन पूर्व में भी ऑपरेशन मानसून चलाकर जंगलों में गश्त तेज करता रहा है। इस बार भी टाइगर रिजर्व की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा की जा रही है और सीसीटीवी कैमरे भी लगाकर नजर रखी जा रही है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में यूपी के लगते क्षेत्र से कई बार शिकारी प्रवेश लेते रहे हैं, लिहाजा यहां गश्त तेज की गई है। स्मरण रहे कि पिछले दिनों एक बाघिन एक तार के फंदे में फंसी मिली थी, जिसका इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा पीलीभीत, अमानगढ़, सतपुड़ा, ताडोबा, पेंच, वाल्मीकि, बालाघाट, गढ़ रिचौली, चंद्रपुर टाइगर रिजर्व में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ धीरज पांडे ने बताया कि मानसून में हमने चौकसी बढ़ाई है। सभी अधिकारी और वे स्वयं सुरक्षा के लिए चौबीस घंटे सतर्कता बरत रहे हैं।
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