देश के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति यानी फंसा कर्ज अनुपात घटकर इस साल मार्च में 10 साल के निचले स्तर 3.9 फीसदी पर आ गया है। इसे और सुधरकर 3.6 फीसदी पर आने का अनुमान है।
आरबीआई ने जारी अपनी छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है कि सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) इस वर्ष मार्च में 10 साल के निचले स्तर 3.9 फीसदी पर आ गया है। इसे और सुधरकर 3.6 फीसदी पर आने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस रिपोर्ट की भूमिका में लिखा है कि बैंक और कंपनियों के बही-खाते मजबूत हुए हैं। इससे कुल मिलाकर वृद्धि को गति मिलने की उम्मीद है।
शक्तिकांत दास ने रिपोर्ट में कहा है कि बही-खातों के मजबूत होने का दोहरा लाभ है। एक तरफ जहां कंपनियों का कर्ज कम होगा, वहीं बैंकों का एनपीए भी नीचे आएगा। दास ने साइबर जोखिम और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नियामकीय व्यवस्था पर ध्यान देने की भी बात कही। उन्होंने विदेशों में कुछ बैंकों के विफल होने के बीच सतर्क रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि वित्तीय क्षेत्र के नियामक स्थिरता को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
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