वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू होने से पहले बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों का जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर यात्री निवास में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस आधार शिविर से शुक्रवार यानी 30 जून को पहला जत्था बालटाल और पहलगाम के आधार शिविर के लिए रवाना होगा। इन दोनों आधार शिविरों से शनिवार को श्रद्धालु पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा आरंभ करेंगे।
बफार्नी बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप में पहुंचना शुरू हो गए हैं। यात्रा के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए जम्मू शहर में तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। यात्रा पंजीकरण के लिए भोले के भक्त कतारों में सुबह से ही लगे हुए हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। पूरा शहर बम बम भोले के जयकारों से गूंजना शुरू हो गया है।
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 62 दिन चलेगी। यात्रा 1 जुलाई को शुरू होकर 31 अगस्त को सम्पन्न होगी। हिंदुओं के लिए इस यात्रा का एक अलग ही महत्व है। तीर्थयात्रा पहलगाम में नुनवान और कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल के रास्तों से शुरू होगी। इन दोनों यात्रा मार्गों पर करीब 120 लंगर लगाए गए हैं। लखनपुर से लेकर बालटाल व पहलगाम तक करीब 50 लंगर हैं। उधमपुर जिले में जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर विभिन्न स्थानों पर ही कुल 22 लंगर लगाए गए हैं।
इसी बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव राज कुमार गोयल, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव मंदीप कुमार भंडारी ने अमरनाथ यात्रा के दोनों तीर्थ मार्गों का व्यापक दौरा किया था। अधिकारियों ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए बलों और अन्य लोगों के बीच पूर्ण समन्वय पर ध्यान केंद्रित करने और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान पर जोर दिया। यात्रा शुरू होने से पहले अनंतनाग जिला प्रशासन ने चिकित्सा, स्वच्छता और अन्य सहित सभी सुविधाओं की व्यवस्था की है।
डिप्टी कमिश्नर अनंतनाग सईद फखरुद्दीन हामिद ने कहा कि इस साल आरआईएफडी, स्वच्छता, लॉगिंग की सभी व्यवस्थाएं की गईं हैं और सभी विभाग यात्रा के लिए काम कर रहे हैं। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक सद्भाव बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव का भी प्रतीक है।
अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। इस बार दोनों आधार शिविरों में ही नहीं बल्कि पूरे यात्रा मार्ग पर चिह्नित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। पवित्र गुफा, पंचतरणी, शेषनाग में भी हेलीपैड तैयार किए गए हैं, ताकि आपात परिस्थितियों में राहत कार्यों में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इलाके में सात हेलीपैड तैयार किए गए हैं, जिन पर रात को भी हेलीकॉप्टर उतर सकता है। बालटाल बेस कैंप और पवित्र गुफा तक के रास्ते में 1243 स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं हैं। इसके अलावा चिन्हित स्थानों पर जनशक्ति और ईंधन के साथ 19 जेनसेट भी लगाए गए हैं।
बर्फीले पहाड़ों के बीच 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा की सुरक्षा की जिम्मेदारी पारंपरिक रूप से सीआरपीएफ के पास रहती है, लेकिन इस बार यह जिम्मेदारी इंडो तिब्बत बॉर्डर (आईटीबीपी) पुलिस को दी गई है। माना जा रहा है कि इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव मणिपुर हिंसा की वजह से भी हुआ है।
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