कालिंद, कालिंदी और कालिंदम्
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

कालिंद, कालिंदी और कालिंदम्

तरबूज बेहद बलवर्धक एवं वात, पित्त, कफ नाशक फल है। मूत्र- रक्त विकार फैटी लीवर आदि रोगों के लिए यह रामबाण है। तरबूज के बीज पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक जैसे खनिजों के स्रोत होते हैं। तरबूज के बीज हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मस्तिष्क रोग एवं प्रजनन संबंधी रोगों में बेहद गुणकारी होते हैं

by हरि गुप्ता
Jun 29, 2023, 11:11 am IST
in दिल्ली, सोशल मीडिया
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

औरंगजेब के काल में दिल्ली में पेशे से चिकित्सक फ्रांसीसी यात्री बर्नियर आया था। उसने अपने यात्रा संस्मरण मे लिखा है, ‘‘मैंने दुनिया की अनेक नदियों के किनारे उगने वाले तरबूज खाए। यहां तक कि भारत में भी अनेक नदियों के किनारे वाले, चाहे वह दक्षिण की नदी हो या पश्चिम की। लेकिन जो मिठास, स्वाद दिल्ली में यमुना के किनारे उत्पन्न तरबूजों में है वह मुझे कहीं नहीं मिला।

तरबूज को संस्कृत में कालिंदम् कहते हैं। यह नाम इसे कालिंदी नदी के किनारे बहुतायत में होने के कारण मिला है। अब, कालिंदी कौन-सी नदी है? तो कालिंदी यमुना का परंपरागत नाम है। जो इसे हिमालय के कालिंद पर्वत से निकलने के कारण मिला है। संस्कृत भाषा की यही विलक्षणता है कि शब्दों में कुछ वर्णों के भेद से समुच्चारित, लेकिन क्रमिक भिन्नार्थक शब्द एवं असंख्य नाम हमें मिल जाते हैं। बात तरबूज फल की करें तो यह भी अपने आप में विलक्षण फल है। गर्मी के मौसम में इससे उत्तम कोई फल हो ही नहीं सकता।

औरंगजेब के काल में दिल्ली में पेशे से चिकित्सक फ्रांसीसी यात्री बर्नियर आया था। उसने अपने यात्रा संस्मरण मे लिखा है, ‘‘मैंने दुनिया की अनेक नदियों के किनारे उगने वाले तरबूज खाए। यहां तक कि भारत में भी अनेक नदियों के किनारे वाले, चाहे वह दक्षिण की नदी हो या पश्चिम की। लेकिन जो मिठास, स्वाद दिल्ली में यमुना के किनारे उत्पन्न तरबूजों में है वह मुझे कहीं नहीं मिला। मैंने दिल्ली की धूल भरी गर्मी में प्रत्येक चौक-चौराहे पर बड़े-बड़े पौष्टिक तरबूजों को करीने से सजा हुआ पाया है।

जितना गुणकारी तरबूज होता है उतने ही गुणकारी इसके बीज होते हैं। तरबूज में बीज का समान वितरण भी इसी बात का सूचक है। तरबूज के बीजों का चबाकर सेवन किया जा सकता है या भूनकर भी खाया जा सकता है। तरबूज के बीज पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक जैसे समृद्ध खनिजों का स्रोत होते हैं। तरबूज के बीज हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मस्तिष्क रोग एवं प्रजनन संबंधी रोगों में बेहद गुणकारी हैं। बीजों का रेशा आंतों को भी साफ रखता है। ऐसे में तरबूज के साथ इसके बीजों को भी चबाकर खाना चाहिए।

उस समय की दिल्ली का वर्णन करते हुए बर्नियर आगे लिखता है- ‘‘बादशाह मुसलमान है, लेकिन अधिकांश प्रजा हिंदू है, जो मांस भक्षण नहीं करती। मैं मांस भक्षण के लिए मुसलमान बादशाह द्वारा बसाए हुए एक नगर में गया, जहां अधिकांश लोग मुसलमान हैं। मैंने देखा वहां गंदगी के कारण बुरा हाल था। मांस से दुर्गंध आ रही थी। जैसा स्वच्छ मांस यूरोप में मिलता है, मुझे वैसा मांस नहीं मिला। ऐसे में मैंने मांस भक्षण का अपना संकल्प कुछ दिन के लिए त्याग दिया। मैंने केवल तरबूज का ही सेवन किया। मेरा स्वास्थ्य उत्तम हो गया। मेरी यात्रा से जनित दीर्घकालीन थकान छूमंतर हो गई।’’

तरबूज बेहद बलवर्धक एवं वात, पित्त, कफ नाशक फल है। मूत्र संबंधी, रक्त विकार, फैटी लीवर जैसे रोगों में यह रामबाण असर करता है। प्राकृतिक चिकित्सा में असाध्य पेट या चर्म रोगों से पीड़ित रोगियों को 21 दिन का तरबूज कल्प कराया जाता है, जिसमें सुबह, दोपहर, शाम केवल तरबूज खिलाया जाता है। सीमित मात्रा में नापतोल कर।

बेहद गुणकारी होता है यह तरबूज कल्प। जितना गुणकारी तरबूज होता है उतने ही गुणकारी इसके बीज होते हैं। तरबूज में बीज का समान वितरण भी इसी बात का सूचक है। तरबूज के बीजों का चबाकर सेवन किया जा सकता है या भूनकर भी खाया जा सकता है। तरबूज के बीज पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक जैसे समृद्ध खनिजों का स्रोत होते हैं। तरबूज के बीज हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मस्तिष्क रोग एवं प्रजनन संबंधी रोगों में बेहद गुणकारी हैं। बीजों का रेशा आंतों को भी साफ रखता है। ऐसे में तरबूज के साथ इसके बीजों को भी चबाकर खाना चाहिए।

ऋतु चक्र में प्रकृति हमारे शरीर की जरूरत के हिसाब से भिन्न-भिन्न फल हमें देती रहती है। बस हमें उन्हें उपयोग में लेना आना चाहिए। हम ऐसा करेंगे तो शारीरिक व्याधियों और वैद्य-डॉक्टरों से बचे रहेंगे।

Topics: कालिंदी नदीSeasons in Natureकालिंदी यमुनाPotassiumफ्रांसीसी यात्री बर्नियरZincऋतु चक्र में प्रकृतिKalindपोटैशियमKalindi and Kalindamजिंकतरबूज को संस्कृत में कालिंदम्KalindamKalindi riverमैग्नीशियमKalindi YamunaMagnesiumFrench travellerकालिंदम्Bernier
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्वर में कमजोरी से बचाता है खानपान

दिमाग की सेहत के लिए बदलें आहार

मोटा अनाज : पोषक तत्वों से भरपूर भोजन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies