देहरादून। वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए के दो शावकों का इस्लामिक नाम तहसीम और रुखसाना रख दिया है। अब इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। हिंदू संगठनों ने चिड़ियाघर प्रशासन से पूछा है कि क्या शावकों का मुस्लिम नाम रखना जरूरी था?
दरअसल, हरिद्वार और नरेंद्र नगर के बीच करीब 10 माह पहले तेंदुए के दो बच्चे मिले थे, जिन्हें वन विभाग ने चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर में रखा हुआ था। अब उन्हें देहरादून मालसी चिड़ियाघर भेज दिया गया है। रेस्क्यू सेंटर अधिकारी अरविंद डोभाल ने बताया कि इन शावकों की देखभाल उपनल कर्मचारी रुखसाना और तहसीम ने की थी, इसलिए इनके नाम भी उन्हीं के नाम से रख दिए गए। जू में इन दोनों शावकों के पहुंचने के बाद इनके मुस्लिम नाम को लेकर बवाल खड़ा हो गया।
बजरंग दल के प्रदेश संयोजक अनुज वालिया ने इस पर ऐतराज जताया। विवाद गहराने पर चिड़ियाघर के अधिकारी शावकों का नया नाम रखने की बात कह रहे हैं।
उधर इन तेंदुए के शावकों को चिड़ियाघर में रखने पर भी वन्य जीव प्रेमी हैरान हैं। वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट नवनीत ओबेरॉय कहते हैं कि वाइल्डलाइफ जीवो को जंगल में ही छोड़ा जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जा रहा तो चिड़ियाघर और वन विभाग को इन तेंदुओं के बारे में केंद्रीय वाइल्ड लाइफ अथार्टी से इसकी अनुमति लेनी चाहिए।
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