इस समय पूरा भारत ‘आजादी का अमृत’ महोत्सव मना रहा है। इस निमित्त अनेक तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं। इसके साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों की जन्मभूमि तक सड़कें बनाई जा रही हैं, उनके परिवार के लोगों का सम्मान किया जा रहा है। वहीं अनेक स्थानों पर स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं लगाई जा रही हैं। इन सबके बीच त्रिपुरा की भाजपा सरकार ने एक बहुत ही प्रेरक निर्णय लिया है। इसके अनुसार राज्य सरकार ने 75 सीमावर्ती गांवों का नामकरण करने का निर्णय लिया है। अब इन गांवों का नाम उन स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा जाएगा, जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी थी। बता दें कि भारत की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने का कार्यक्रम जुलाई महीने से शुरू होगा, जो 15 अगस्त तक चलेगा।
सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के सचिव पी-के- चक्रवर्ती के अनुसार त्रिपुरा के आठ जिलों के 75 गांवों का नाम बदला जाएगा। इन गांवों की पहचान जिला स्तरीय समितियों के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए प्रशासन ने पहले ही राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान की एक सूची तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने के अलावा, चुने गए गांवों में 75 स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी और उनके परिवार के सदस्यों को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि जब भी गांव का नामकरण होगा, उस अवसर पर मैराथन, साइकिल रैली, क्रांतिवीर संगीत समारोह, स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन और कार्यों पर गीत और नाटक आदि आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए कई कार्यक्रम होंगे। इसके अतिरिक्त सभी 75 गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा।
बता दें कि अभी भी देश में ऐसे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैें। आजादी के अमृत महोत्सव पर ऐसे सेनानियों की भी पहचान की जा रही है। स्वतंत्रता की लड़ाई में उन्होंने किस तरह का योगदान दिया, उसे लिपिबद्ध किया जा रहा है।
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