कोलकाता। केंद्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के खिलाफ शुक्रवार को पटना में महाविपक्षी बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंच साझा किया। बैठक के एक दिन बाद ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस माकपा के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ेगी।
चौधरी के ताजा बयान के बाद इस बात पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि पटना में हुई बैठक में मतभिन्नता के बावजूद एकजुटता का जो संदेश दिया गया है उसके क्या कुछ मायने रह गए हैं।
शनिवार को बरहमपुर स्थित अपने संसदीय क्षेत्र में मीडिया से मुखातिब अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी यह बात भली-भांति समझ गई हैं कि देश की राजनीति किस दिशा में चल रही है। इसलिए राहुल गांधी को मैनेज करने के लिए पटना गई थीं। चौधरी ने कहा कि ममता के मुंह से आदर्श की बातें हम लोग नहीं सुनना चाहते हैं। हकीकत यह है कि ममता फिलहाल वर्चुअल मुख्यमंत्री हैं। एक्चुअल मुख्यमंत्री उनका भतीजा है। इसलिए ममता की बात का कोई महत्व नहीं है।
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