उत्तराखंड में 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक न्यूज चैनल द्वारा किया गया स्टिंग ऑपरेशन एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। ये मामला सीबीआई को सुपुर्द कर दिया गया था, जिसकी सुनवाई बीते 20 जून को विशेष न्यायाधीश सीबीआई धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की अदालत देहरादून में हुई। सीबीआई की तरफ से अभियोजन अधिकारी सियाराम मीना और सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया गया। अर्जी में उनके द्वारा चारों आरोपी नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति देने के निर्देश देने की अपील करते हुए बताया कि आठ जून को इन्हें नोटिस जारी किए गए, लेकिन अभी तक नोटिस तामिल नहीं हुए हैं।
इस पर सीबीआई कोर्ट ने इन्हें फिर से नोटिस जारी करने के साथ ही सीबीआई को इसकी पैरवी करने के निर्देश भी दिए। उल्लेखनीय है चार नेताओं में से दो उमेश कुमार और मदन बिष्ट मौजूदा विधायक हैं, जिससे कोर्ट ने दोनों विधायकों को नोटिस तामिल करने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश भी दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई चार जुलाई को होगी। सीबीआई ने दून शाखा के बजाय एनसीआर में यह मामला दर्ज किया था। सुनवाई के लिए भी वहां की टीम कोर्ट में मौजूद रही।
गौरतलब है कि 2016 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा न्यूज चैनल के संपादक उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद उत्तराखंड राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। किसी मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए इस तरह का स्टिंग पहली बार हुआ था, जिसमें वो अपनी सरकार बचाने के लिए कोशिश करते दिखाई दे रहे थे। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, उसमें तत्कालीन विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।
सीबीआई अदालत से इस मामले में जारी नोटिस के बाद से उत्तराखंड में राजनीति फिर से करवट ले रही है। देहरादून के राजनीतिक गलियारों में स्टिंग ऑपरेशन का बोतल में बंद जिन्न फिर से बाहर आने की चर्चा छाई हुई है।
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