बरेली। कट्टरपंथी परिवार के डर से छिप-छिपकर श्याम नाम जपने वाली बरेली की मुस्लिम युवती ने हिन्दू धर्म अपना लिया है। शहनाज ने आरोही बनकर सनानत संस्कृति अपना ली है। भगवान की कृष्ण की भक्ति करने वाली शहनाज को उसके शौहर ने निकाह के दो महीने बाद ही तलाक दे दिया था। अब उसने दोस्त पवन के साथ वैदिक रीति रिवाज से सात फेरे लेकर जीवन की नई शुरूआत की है।
इस्लाम से नाता तोड़कर आरोही बनी शहनाज बरेली में थाना फरीदपुर क्षेत्र के गांव ढकनी रजपुरी की रहने वाली है। उसका जीवन साथी बना पवन भी इसी गांव में रहता है। बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में हिन्दू परंपराओं के अनुरूप पवन के साथ शादी के पवित्र बंधन में बंधने वाली कल की शहनाज और आज की आरोही ने आश्रम पहुंचकर कहा कि उसने बगैर किसी दबाव और लालच के इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाया है। आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार ने मत्रोच्चार के बीच आरोही और पवन की वैवाहिक रस्में पूरी कराई हैं।
शहनाज ने बताया गया है कि उसके गांव ढकनी रजपुरी हिन्दू-मुस्लिम दोनों समाज की आबादी रहती है। बचपन से ही उसको हिन्दू परिवारों में होने वाले धार्मिक कार्यक्रम अच्छे लगते थे। शुरू से उसकी भगवान कृष्ण में आस्था थी और मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने के बाद भी श्याम नाम जपा करती थी। 2018 में घरवालों ने उसका निकाह कर दिया तो ससुराल पहुंचकर भी उसने छिप-छिपकर कृष्ण नाम जपना जारी रखा। शौहर और उसके घरवालों को पता लगा तो उसे यातनाएं दी जाने लगीं। पति उसके साथ मारपीट करता था। विरोध पर उसको तलाक देकर घर से निकाल दिया गया।
शहनाज के मुताबिक, शौहर के तलाक देने के बाद वह अपने मायके में रह रही थी। कुछ समय पहले उसकी जिंदगी में गांव का रहने वाला पवन आया। पवन से मेलजोल बढ़ा तो उसने हर तरह से मदद की। एक दूसरे को जानने और समझने के बाद दोनों ने साथ जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया। जिसके बाद शहनाज ने बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में पहुंचकर स्वेच्छा से हिन्दू धर्म अपना लिया और आरोही बनकर हिन्दू परंपराओं के अनुरूप पवन के साथ शादी कर ली। आश्रम के महंत आचार्य केके शंखधार ने मंत्रोच्चार के बीच उनकी वैवाहिक रस्में पूरी कराईं। पवन के साथ शादी के बाद आरोही ने कहा कि उसने बगैर किसी लालच और दबाव में हिन्दू धर्म अपनाया है। वही, पवन ने कहा कि हमेशा शहनाज से आरोही बनी अपनी जीवन संगिनी को हमेशा खुश रखेगा।
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