उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के सीमावर्ती नेलांग और भैरो घाटी में पर्यटक अब रात्रि विश्राम भी कर सकेंगे। इसके लिए वन विभाग के गंगोत्री नेशनल पार्क ने टेंट कॉलोनी बनाए जाने के लिए काम शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोजेक्ट वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत सीमावर्ती गांवों को आबाद करना, वहां स्थानीय ग्रामीणों की मदद से पर्यटन गतिविधियों और अन्य रोजगार सुविधाओं को बढ़ावा देना शामिल है।
खूबसूरत नेलांग और भैरव घाटी को 2015 में इनरलाइन परमिट सुविधा से बाहर किया गया और इसके बाद यहां पर्यटकों का आना जाना शुरू हुआ, लेकिन यहां पर्यटकों को रात में रुकने नहीं दिया जाता था। अब ये सुविधा भी शुरू की जा रही है। नेलांग घाटी कभी भारत-तिब्बत व्यापार का केंद्र हुआ करती थी। यहां से लकड़ी का सीढ़ीनुमा रास्ता इस व्यापारिक मार्ग का गवाह था, जिसे अब पुनः ठीक किया गया है और ये अब पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि वन विभाग ने दोनों घाटियों के मध्य में एक टेंट कॉलोनी बनाए जाने का निर्णय लिया है, जिसमें करीब तीस लोगों के रुकने और भोजन की व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत वन विभाग ने काम शुरू किया है। इस समय नेलांग और भैरव घाटी में जाने की अनुमति उत्तरकाशी में गंगोत्री नेशनल पार्क कार्यालय द्वारा ही दी जाती है और यहीं से टेंट में रात्रि में रहने की अनुमति भी जारी की जाएगी।
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