भोपाल। वह नौकरी कर निजी कंपनी से खूब पैसे कमाने बेंगलुरु (कर्नाटक) गई थी। सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी उसकी कंपनी में एक राजू नाम के लड़के से मुलाकात होती है। मुलाकात धीरे-धीरे प्रेम में बदलती है। लड़का जब उस लड़की के साथ मंदिर जाता तो पूजा-पाठ भी करता। हवन में यज्ञाहुति भी देता। लड़की उसके इस भक्ति वाले भाव को देखकर खुश हो जाती है। वह एक परफेक्ट जीवन साथी के रूप में उसकी कल्पना करने लगती है और एक दिन ऐसा भी आता है कि वह अपना सब कुछ उसे सौंप देती है। लेकिन उसे क्या पता था कि उसके साथ छल हो रहा है।
एक दिन अचानक उसे पता चलता है कि जो अब तक ये लड़का उसके साथ कर रहा था, वह सब दिखावा था। वह लव जिहाद की शिकार हो चुकी है। उसके प्रेम की बुनियाद जूठ पर खड़ी है। अब वह उस लड़के से दूरी बनाना शुरू करती है, लेकिन इस दूरी के बदले में उसे मिलने लगती हैं धमकियां, मौका मिलने पर शारीरिक प्रताड़ना। किसी तरह अवसर पाकर वह निकलती है अपने घर के लिए, किंतु अब शुरू होता है प्रताड़ना का नया दौर। इस बार शारीरिक प्रताड़ना नहीं दी जा सकती तो मानसिक प्रताड़ना होती शुरू है। उमर फारूख हथियार बनाता है लड़की के मोबाइल फोन को और जब मर्जी आए वह उससे बात करता है, फोन नहीं उठाने पर मैसेज पर मैसेज और बेंगलुरु वापस आने के लिए धमकी देता है।
मामला जब सिर से ऊपर निकल गया और लड़की को लगा कि उसके कारण कभी भी उसके परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना घट सकती है, तब वह अपना शिकायती आवेदन लेकर एपी ऑफिस जाती है। उसे उम्मीद रहती है कि कॉल रिकार्डिंग और सोशल मीडिया समेत उमर फारूख के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने की स्थिति में उसके साथ न्याय होगा, लेकिन फिलहाल उसे बेरंग घर वापस आना पड़ता है। जानकारी के अनुसार दमोह पुलिस शून्य पर कायमी कर केस डायरी बेंगलुरु पहुंचाना चाहती है, जबकि अपनी जानमाल को देखते हुए लव जिहाद का शिकार हुई ये पीड़िता दमोह में ही रहकर इस मामले में अपने लिए कानूनी न्याय चाहती है।
दरअसल, यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के जिला दमोह की उस हिन्दू लड़की का है जो बेंगलुरु में नौकरी करने गई और लव जिहाद का शिकार हो गई। वाल्मीकि समाज से जुड़ी इस लड़की को जैसे ही पता चला कि लड़का हिन्दू नहीं मुसलमान है, वह किसी तरह अपने घर वापस आ गई, जहां उसने अपने माता-पिता को अपनी आपबीती सुनाई। घरवालों ने भी उसे हिम्मत दी, लेकिन जब उमर फारूख लगातार फोन पर धमकाने लगा और मैसेज पर मैसेज करने लगा, तब जाकर लड़की ने हिम्मत दिखाई और एसपी ऑफिस अपना शिकायती आवेदन लेकर पहुंच गई और उमर फारूख के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगी।
लड़की ने पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती आवेदन में अपने साथ हुई प्रताड़ना का खुलकर बयान किया है और निजी पल के धोखे से लिए फोटो और वीडियो वायरल कर देने की धमकी से भी पुलिस को अवगत कराया है। साथ ही बताया है कि उमर फारूख कुछ फोटो अब तक वायरल भी कर चुका है। पीड़िता ने बताया है कि उसकी उमर फारूख से पहचान करीब एक-डेढ वर्ष पूर्व हुई थी, हिन्दू नाम से परिचय देने एवं अनेक बार मिलने पर दोनों के बीच दोस्ती हो गई और धीरे-धीरे प्रेम संबंध बने। उमर फारूख के मंदिर जाने और साथ में पूजा-पाठ में शामिल होने से उसे कभी यह एहसास ही नहीं हुआ कि वह धोखे में रहते हुए एक मुसलमान लड़के के लव जिहाद का शिकार हो रही है।
लड़की ने अपनी आपबीती में बताया कि उमर फारूख ने उसका विश्वास जीत लेने के बाद, उसके साथ शादी करने का वादा कर उससे शारीरिक संबंध बनाए और चुपके से निजी पल के फोटो एवं वीडियो बना लिये। जैसे ही मुझे पता चला कि वह मुसलमान है मैंने उससे दूरी बनाना शुरू कर दिया। जिससे नाराज होकर वह मारने लगा था। उसके द्वारा कई बार जान से मार देने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं मोबाइल तक हैक कर लिया गया, वह घरवालों से बात नहीं करने देता था।
पीड़िता का कहना है कि वह बेंगलुरु में अकेली थी, इसलिए डरी हुई थी, कहीं उसके साथ कोई बुरी घटना न घट जाए। उमर फारूख वापस मुझे अपने घर दमोह भी नहीं आने दे रहा था। मेरे डॉक्यूमेंट तक उसने छीन लिये थे। उसकी यही ज़िद थी कि मेरे साथ शादी करो और इस्लाम कबूल करो, नहीं तो तुम्हें कांटकर कुत्तों को खिला दूंगा और तुम्हारे घरवालों को भी मार डालूंगा। ऐसे में कई दिनों की प्रताड़ना के बाद जब मौका मिला तो मैं बड़ी मुश्किल से अपने घर दमोह वापस आ पाई हूं।
पीड़िता का कहना है कि कर्नाटक से मध्य प्रदेश आ जाने के बाद भी यह उमर फारूख मेरा पीछा नहीं छोड़ रहा है, वह फोन पर अब भी धमकी दे रहा है कि अगर वह वापस आकर साथ नहीं रहती है, उसकी बात नहीं मानती है तो उसके अश्लील वीडियो उसके घरवालों को और इंटरनेट पर वायरल कर देगा। इस बीच उसने कुछ फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर दिए हैं। साथ ही उसके घरवालों को भी भेज दिए हैं।
पीड़िता का कहना है कि मैं लव जिहाद की शिकार हो गई हूं, यह साफ हो जाने के बाद अब मैं नौकरी पर भी बेंगलुरु वापस नहीं जा रही हूं, क्योंकि मुझे डर है कि कहीं उमर फारूख मुझे जान से नहीं मार दे। फिलहाल एसपी जिला दमोह ने पीड़िता का आवेदन ले लिया है। पूरे मामले की जांच करने की बात कही गई है।
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