देहरादून : उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इस वर्ष सावन माह में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों से अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की।
डीजीपी कुमार ने पिछले साल के अनुभवों को साझा किया और इस वर्ष पूर्व में हुई गलतियों को सुधारे जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो भी कांवड़ लेने कांवड़िए आएं उन्हें किसी भी प्रकार के हथियार लेकर चलने की इजाजत नहीं दी जाए।
अशोक कुमार ने कांवड़ यात्रा गुजरने वाले सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों के आपसे समन्वय पर जोर दिया और सुरक्षा की दृष्टि से अपने-अपने क्षेत्रों में एक ड्राइव चलाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिवभक्त कांवड़िए से संयम और विनम्रता से अनुरोध किया जाए तो कभी परेशानी सामने नहीं आती। सुरक्षा व्यवस्था के लिए ड्रोन कैमरे, हेलीकॉप्टर आदि की भी मदद ली जाएगी।
कांवड़ यात्रा राज्यों से आए पुलिस अधिकारी इस बात से सहमत थे, कि यातायात को सुगम बनाया जाए क्योंकि कांवड़ के दिनों में वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें आती हैं, और इसके लिए बेहतर है कि हाई-वे पर यातायात सुचारू रखा जाए और कांवड़ को वैकल्पिक मार्ग से गुजारा जाए, इस बारे में सभी अधिकारियों को एक्सरसाइज करने की जरूरत है।
कांवड़ यात्रा के लिए कई अधिकारियों ने अपने सुझाव भी दिए जिस पर आगे योजना बनाने पर सहमति व्यक्त की गई। उल्लेखनीय है, कि कांवड़ यात्रा में पिछले साल करीब तीन करोड़ कांवड़िएं गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंचे थे, एक अनुमान के अनुसार करीब छह हजार करोड़ का कारोबार इस कांवड़ यात्रा के दौरान होता है।
इस साल चारधाम यात्रा में भी भीड़ पिछले साल की तुलना में अधिक है, लिहाजा पुलिस के आगे चुनौती हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में सबसे ज्यादा आने वाली है।
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