नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर में 15 जून को कोचिंग सेंटर में लगी आग की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली फायर सर्विसेज, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किया है। दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
हाई कोर्ट ने फायर सर्विस अथॉरिटी को आडिट करने का निर्देश देते हुए यह पता लगाने को कहा है कि अथॉरिटी ये पता लगाए कि ऐसी इमारतों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट हैं या नहीं।
उल्लेखनीय है कि मुखर्जी नगर में 15 जून को कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी। इस दौरान मची अफरातफरी के बाद छात्रों ने रस्सी के सहारे उतरकर अपनी जान बचाई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस मामले में मुखर्जी नगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 337, 338, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने बताया कि आग बिल्डिंग के मीटर में लगी थी। धुंआ ऊपरी मंजिल पर फैल गया जिसके कारण अफरातफरी मच गई। वहां सिविल सर्विस का कोचिंग सेंटर था, कुछ छात्र खिड़की से नीचे आने का प्रयास कर रहे थे। आग पर काबू पा लिया गया। उत्तर पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि स्थानीय लोगों, पुलिस और फायर ब्रिगेड के सहयोग से सभी बच्चों को निकाला गया। प्रथमदृष्टया बिजली के मीटर में आग लगी थी।
दिल्ली के मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटर में आग, रस्सी के सहारे कूदे छात्र
वहीं कोचिंग सेंटर के सीईओ शिवेश मिश्रा का कहना है कि आग कोचिंग सेंटर के अंदर नहीं लगी, कोचिंग सेंटर के नीचे बेसमेंट बिजली विभाग के पास है जिसमें कई मीटर लगे हैं। बताया जा रहा है कि ग्राउंड फ्लोर पर मीटर में ब्लास्ट हुआ और नीचे से ऊपर धुंआ गया। इस दौरान बच्चे घबरा गए। सारे बच्चों को रेस्क्यू किया गया। कुछ बच्चों ने तार के सहारे निकलने की कोशिश की। 15 बच्चों को चोटें आई हैं। 2 बच्चों को ज्यादा चोट आई है।
टिप्पणियाँ