मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। डेढ़ महीने बाद भी हालात में कुछ खास सुधार नहीं आया है। मंगलवार देर रात एक बार फिर से हिंसा भड़की। इस दौरान जमकर फायरिंग हुई। इस गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई है और 10 लोग घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह पूरी घटना कांगपोकपी जिले के खमेनलोक गांव की बताई गई है। मणिपुर सरकार में कैबिनेट मंत्री के सरकारी आवास में आग लगा दी।शुरुआती जांच में पाया गया कि उग्रवादियों ने गांव को घेरकर पहले आग लगाई। इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग की। इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। उपद्रवियों की धरपकड़ का अभियान तेज कर दिया गया है। वहीं मणिपुर में इन मौतों के साथ ही हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या 115 हो गई है।
यह क्षेत्र मैतेई-बहुल इंफाल पूर्वी जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमा से सटा हुआ है। इस बीच जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी जिले और इंफाल पश्चिम जिले में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में छूट के घंटों को घटाकर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे कर दिया है। मणिपुर के 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है जबकि राज्य के पूरे पूर्वोत्तर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
गोलीबारी में घायल हुए कई लोगों को इलाज के लिए इंफाल ले जाया गया है। सूत्रों ने बताया कि हिंसा में मारे गए लोगों में से कुछ के शरीर पर कटने के निशान हैं और कई गोलियां लगी हैं। इससे साफ पता चलता है कि गोलीबारी के साथ ही धारदार हथियारों से नजदीक से हमला किया गया है।
गौरतलब है कि मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के कारण गत एक महीने से अधिक समय से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस घटना के बाद पूरे राज्य में फिर से ताजा तनाव उत्पन्न हो गया है। सुरक्षा बलों ने संभावित हिंसा वाले इलाकों में गश्त तेज कर दी है। प्रशासन ने लूटे गये हथियारों को बरामद करने के लिए अभियान तेज कर दिया है।
इस बीच खमेनलोक इलाके में सोमवार की रात भी बदमाशों और ग्राम सेवकों के बीच हुई गोलीबारी में नौ लोग घायल हो गए। सूत्रों ने बताया है कि सुरक्षा बलों के साथ मंगलवार को बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में सशस्त्र बदमाशों के साथ मुठभेड़ हुई थी। गौरतलब है कि एक महीने पहले मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई है और 310 अन्य घायल हो गए थे। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें आरंभ हुईं थीं, जो आज भी जारी हैं। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।
उपद्रवियों ने मंत्री नेमचा किपगेन के घर में लगाई आग
उग्रवादियों ने पश्चिमी इम्फाल के लाम्फेल में मणिपुर के मंत्री नेमचा किपगेन के घर को निशाना बनाया। आग की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने थोड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। किपगेन कुकी समुदाय के नेता हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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