कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सोमवार को बैठक की और अरब सागर में आसन्न चक्रवात ‘बिपरजॉय’ से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा के लिए गुजरात सरकार और केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की।
केंद्रीय एजेंसियों और गुजरात सरकार की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने जोर देकर कहा कि गुजरात सरकार और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संबंधित अधिकारियों द्वारा निवारक और एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए। उद्देश्य लोगों के जीवन को बचाना और बिजली व दूरसंचार से जुड़े बुनियादी ढांचे को कम से कम नुकसान होने देना होना चाहिए। साथ ही बुनियादी ढांचे को नुकसान होने की स्थिति में उसकी शीघ्र बहाली सुनिश्चित होनी चाहिए।
कैबिनेट सचिव ने कहा कि समुद्र में मछुआरों को वापस बुला लिया जाए और चक्रवात के आने से पहले संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को समय पर निकाल लिया जाए। कैबिनेट सचिव ने गुजरात सरकार को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
बैठक में गुजरात के मुख्य सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ, नागरिक उड्डयन, बिजली, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव, मत्स्य पालन विभाग, डीजी टेलीकॉम, एनडीएमए के सदस्य सचिव, सीआईएससी आईडीएस, आईएमडी डीजी, एनडीआरएफ डीजी, कोस्ट गार्ड डीजी और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने भाग लिया।
गुजरात के मुख्य सचिव ने चक्रवाती तूफान के संभावित मार्ग में आबादी की सुरक्षा और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों से समिति को अवगत कराया। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और जो समुद्र में हैं उन्हें वापस सुरक्षित स्थान पर बुला लिया गया है। अब तक कुल 21 हजार नावें खड़ी की जा चुकी हैं। निकासी के उद्देश्य से सभी कमजोर गांवों की सूची तैयार की गई है। सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए साल्टपैन श्रमिकों का विवरण भी तैयार कर लिया गया है। पर्याप्त आश्रय, बिजली आपूर्ति, दवा और आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखा जा रहा है। एसडीआरएफ की 10 टीमें लगाई जा रही हैं।
समिति को बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पहले ही 12 टीमों को तैनात कर दिया है और 3 अतिरिक्त टीमों को गुजरात में तैयार रखा गया है। इसके अलावा, 15 टीमों, यानी अरकोनम (तमिलनाडु), मुंडली (ओडिशा) और बठिंडा (पंजाब) में प्रत्येक में 5 टीमों को शॉर्ट नोटिस पर एयरलिफ्टिंग के लिए अलर्ट रखा गया है। तटरक्षक बल, सेना और नौसेना के बचाव और राहत दलों के साथ-साथ जहाजों और विमानों को स्टैंडबाय पर तैयार रखा गया है।
इसके अलावा गुजरात राज्य को उनकी तैयारी, बचाव और बहाली के प्रयासों में सहायता के लिए सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल की पर्याप्त संख्या में टीमों और संपत्तियों को तैनात किया जा रहा है। डीजी, शिपिंग द्वारा समुद्री बोर्ड और सभी हितधारकों को नियमित अलर्ट और सलाह भेजी जा रही है। अपतटीय तेल क्षेत्रों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है और गुजरात में अपतट प्रतिष्ठानों को सभी तैनात जनशक्ति की तत्काल वापसी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। प्रमुख बंदरगाहों कांडला और मुंद्रा को सतर्क कर दिया गया है और अन्य बंदरगाहों को भी निवारक कार्रवाई की सलाह दी गई है।
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