नहीं रहे जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे

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 जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे 1989 में नौकरी छोड़कर वे संघ के प्रचारक बने। उन्होंने महाराष्ट्र के अनेक शहरों में संघ कार्य किया। वे गोवा के विभाग प्रचारक के बाद 2001 से 2009 तक कोंकण प्रांत के प्रांत प्रचारक रहे।

विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे का मुम्बई में 2 जून की प्रात: 4 बजे निधन हो गया। 3 सितंबर, 2022 को देहरादून से दिल्ली लौटते समय उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उन्हें तत्काल नई दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें मुम्बई ले जाया गया। लंबे समय तक उनकी चिकित्सा चली और उनके स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा था। एक सप्ताह पहले कष्ट बढ़ने पर उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन भगवान की इच्छा कुछ और ही थी।

जयंत जी ने विज्ञान भारती का कार्य विश्व पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भमिका निभाई। उन्होंने देश मेें भारतीय विज्ञान एवं भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान पर विमर्श खड़ा किया। जयंत जी का जन्म 17 अप्रैल, 1966 को गिरगांव (मुंबई) में हुआ था। जयंत जी ने मुंबई विश्वविद्यालय से बी.टेक (इलेक्ट्रानिक्स) की शिक्षा प्राप्त करके भाभा परमाणु शोध केंद्र में कुछ समय तक नौकरी की।

1989 में नौकरी छोड़कर वे संघ के प्रचारक बने। उन्होंने महाराष्ट्र के अनेक शहरों में संघ कार्य किया। वे गोवा के विभाग प्रचारक के बाद 2001 से 2009 तक कोंकण प्रांत के प्रांत प्रचारक रहे। उन्होंने पूर्व सरकार्यवाह स्व. हो. वे. शेषाद्रि के सहायक का दायित्व भी संभाला था। 2009 में उन्हें विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद वे पूरी तरह विज्ञान को समर्पित हो गए थे। उनकी देखरेख में विज्ञान भारती ने कई ऐसे कार्य किए, जिनकी गूंज लंबे समय तक सुनाई देगी। विद्यार्थी विज्ञान मंथन, टेक्क फॉर सेवा, आईआईएसएफ, विश्व वेद विज्ञान सम्मेलन, भारतीय विज्ञान सम्मेलन, वर्ल्ड आयुर्वेद फाउंडेशन, ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट एंड टेक्नोक्राफ्ट फोरम, नेशनल आयुर्वेदा स्टूडेंट्स यूथ एसोसिएशन जैसे आयाम उनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे थे। जयंत जी का पूरा परिवार संघ को समर्पित है।

उनके पिताजी श्री श्रीकांत सहस्रबुद्धे आज भी संघ कार्य से जुड़े हैं। उनकी माताजी राष्ट्र सेविका समिति की सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं। स्व. जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे को पाञ्चजन्य परिवार की भावभीनी श्रद्धांजलि।

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