भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दुनिया भर में लोकप्रियता शिखर पर है। एक बार फिर साबित हुआ है कि किसी भी अन्य देश का नेता विश्वभर के लोगों में सबसे लोकप्रिय मोदी के आसपास भी नहीं है। एक सर्वे में मोदी की ‘अप्रूवल रेटिंग’ यानी लोकप्रियता को मापने वाला पैमाना 77% पर जा पहुंचा है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि देशों के शीर्ष नेता मोदी से कहीं पीछे हैं और यह चलन लगातार बना रहा है।
इसमें संदेह नहीं है कि आज दुनिया में अन्य कोई भी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कद के आसपास भी नहीं है। उनकी लोकप्रियता हिमालय पर चढ़कर बोल रही है। यही वजह है कि सर्वे का आंकड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 77 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ उन्हें विश्व नेताओं में चोटी पर दिखा रहा है।
यह सर्वे किया है दुनिया में सर्वेक्षण के लिए जानी—मानी ‘मॉर्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस’ संस्था द्वारा, जो हर साल इस तरह का सर्वे करती आ रही है। इसके अनुसार, मोदी के बाद दूसरे नंबर पर आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीसी हैं जिनकी 56% अप्रूवल रेटिंग है। और तीसरे नंबर पर हैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, उनकी अप्रूवल रेटिंग सिर्फ 41% है।
मशहूर फर्म मॉर्निंग कंसल्ट हर साल ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, जर्मनी, मैक्सिको, नीदरलैंड, भारत, स्पेन, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और स्वीडन के नेताओं की लोकप्रियता रेटिंग के आधार पर मापती आ रही है। जनवरी 2022 तथा उससे पहले नवंबर 2021 में विश्व के सबसे पसंदीदा नेताओं की लिस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ही शीर्ष पर आए थे।
इस आंकड़े पर गर्व करते हुए भाजपा ने ट्वीट किया है कि, ‘एक बार फिर, पीएम नरेंद्र मोदी विश्व मंच पर चोटी पर हैं। दुनिया के सभी मुख्य नेताओं में पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग सबसे अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी 77% रेटिंग के साथ सबसे पसंदीदा वैश्विक नेताओं की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।’
मशहूर फर्म मॉर्निंग कंसल्ट हर साल ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, जर्मनी, मैक्सिको, नीदरलैंड, भारत, स्पेन, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और स्वीडन के नेताओं की लोकप्रियता रेटिंग के आधार पर मापती आ रही है। जनवरी 2022 तथा उससे पहले नवंबर 2021 में विश्व के सबसे पसंदीदा नेताओं की लिस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ही शीर्ष पर आए थे।
यह फर्म असल में चुनावों, चयनित सरकारों तथा विश्व के विभिन्न देशों के प्रमुख मुद्दों पर आंकड़े उपलब्ध कराती है। ऐसा करने में वह विश्व स्तर पर लोगों से बात करती है और विभिन्न्मॉ मुद्दों के आधार पर उनकी राय संकलित करती है। एक अंदाजे के अनुसार, इस फर्म का व्याप ऐसा है कि रोजाना 20 हजार से ज्यादा लोगों से सीधे सवाल—जवाब किया जाता है। उनके मंतव्य को वर्गीकृत करके यह अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करती है।
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