नई दिल्ली। जेएनयू परिसर में मंगलवार रात करीब साढ़े बारह बजे दो लड़कियों के अपहरण की कोशिश की गई। हरियाणा नंबर की स्विफ्ट गाड़ी से आये लड़कों ने वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया। गाड़ी का नंबर HR26DN2623 है। बताया जा रहा है कि लड़कों ने शराब पी रखी थी। एबीवीपी के छात्रों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए और प्रदर्शन कर विरोध भी जताया।
दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया कि आरोपी की पहचान हो गई है। वह जेएनयू का छात्र नहीं है। लड़की से छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है। जांच जारी है।
एबीवीपी की तरफ से कहा गया कि एबीवीपी जेएनयू (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) इस तरह की घटनाओं की कड़ी निंदा करता है और पीड़ितों के साथ एकजुटता से खड़ा है। दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर को लंबे समय से महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक माना जाता है। हाल की घटनाओं ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एक सफेद स्विफ्ट पंजीकरण संख्या एचआर26डीएन2623, नशे में धुत लड़कों को ले जा रही थी, जिसने परिसर में चल रहीं दो लड़कियों का अपहरण करने का प्रयास किया। गार्ड ने खुलासा किया कि यह वाहन नियमित रूप से परिसर में आता है। इससे मुख्य सुरक्षा अधिकारी की लापरवाही भी उजागर हो रही है।
एबीवीपी की ओर से कहा गया कि जेएनयू कैंपस के कथित रूप से सुरक्षित परिसर के भीतर बार-बार होने वाली घटनाएं सुरक्षा प्रोटोकॉल में गंभीर चूक को उजागर करती हैं। यह तथ्य कि नशे में धुत व्यक्तियों के साथ एक ही वाहन को कई मौकों पर प्रवेश की अनुमति कैसे दे दी गई? यह अस्वीकार्य है। जेएनयू परिसर में सुरक्षा चूक के लिए सीएसओ को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इस लापरवाही से छात्राओं में असुरक्षा और भय का माहौल पैदा हो गया है।
इस मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का बयान आ गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक जेएनयू परिसर में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही परिसर में रहने वाले लोगों से कहा गया कि अगर उनसे मिलने कोई बाहरी आता है तो इसकी सूचना उन्हें मेन गेट पर देगी होगी।
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