नई दिल्ली : भारत और अमेरिका ने सोमवार को रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार किया, जो नई प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और नई प्रणालियों के सह-उत्पादन के अवसरों की पहचान करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच मानेकशॉ सेंटर में एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान मजबूत रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा करने के साथ औद्योगिक सहयोग को सुदृढ़ बनाने के तरीकों को चिह्नित करने पर विशेष फोकस किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक गर्मजोशी से भरी और सौहार्द्रपूर्ण रही। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विषयों की एक महत्वपूर्ण श्रृंखला पर चर्चा की, जिसमें औद्योगिक सहयोग को सुदृढ़ बनाने के तरीकों को चिह्नित करने पर विशेष फोकस किया गया। भारत-अमेरिका के बीच तैयार रोडमैप अगले कुछ वर्षों के लिए नीति दिशा का मार्गदर्शन करेगा। साथ ही दोनों देशों के रक्षा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा।
दोनों देशों के रक्षा समकक्षों ने लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को बनाने के तरीकों का पता लगाया। दोनों पक्ष नई प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और वर्तमान तथा नई प्रणालियों के सह-उत्पादन के अवसरों को चिह्नित करेंगे और दोनों देशों के रक्षा स्टार्टअप इकोसिस्टम के बीच सहयोग बढ़ाने की सुविधा प्रदान करेंगे। दोनों पक्षों ने मजबूत और बहुआयामी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और सहयोग की गति को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत से पहले मंत्री ऑस्टिन को तीनों सेनाओं की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
द्विपक्षीय बैठक के दौरान हाल ही में डिफेंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिफेंस स्पेस पर फोकस किए गए उद्घाटन संवादों का स्वागत किया गया। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में उनके साझा हितों को देखते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा के विषयों पर भी चर्चा की गई। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत सहित रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
टिप्पणियाँ