वाराणसी। माफिया मुख्तार अंसारी के अपराध की दुनिया के हर पन्ने का हिसाब हो रहा है। वाराणसी के चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। मुख्तार को धारा 302 के तहत दोषी करार दिया गया है।
3 अगस्त 1991 को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। चेतगंज आवास के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी। विशेष न्यायाधीश एमपी – एमएलए कोर्ट ने 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार को फैसला सुनाया। मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उसकी पेशी सोमवार को हुई। अवधेश राय हत्याकांड का मुख्य आरोपी मुख्तार है।
मुकदमे में दो अन्य आरोपी कमलेश सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। फैसले के दिन को देखते हुए कोर्ट परिसर, इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर पुलिस नजर रख रही थी। पिछले महीने 22 मई को मुख्तार के वकील की ओर से अंतिम बहस पूरी की जा चुकी थी। इस चर्चित हत्याकांड की मूल ‘केस डायरी’ ही गायब हो गई थी। उसका आरोप भी माफिया मुख्तार अंसारी के ऊपर ही है। फोटोस्टेट पत्रावली से सुनवाई का संभवतः पहला प्रकरण है। राकेश और भीम सिंह की पत्रावली अभी भी प्रयागराज में ही लंबित है।
इस पूरे मामले में मुख्तार अंसारी की तरफ से 41 पन्ने की लिखित बहस कोर्ट में दाखिल की गई थी। वहीं अवधेश राय के परिजनों की तरफ से 36 पेज की लिखित बहस और 12 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। बीते एक साल के अंदर अंदर मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तीन और राजधानी लखनऊ में जेलर पर हमले के मामले में सजा सुनाई जा चुकी है।
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