पश्चिमी देश अमेरिका से एक सुखद समाचार आया है। यहां हिंदुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। सिर्फ हिन्दू ही नहीं, अमेरिका में मंदिरों की संख्या में बढ़त भी दर्शाती है कि वहां सनातन संस्कृति के प्रति एक विशेष अनुराग पैदा हुआ है। संभवत: यही वजह है कि अब दीपावली के दिन वहां एक राज्य ने सरकारी छुट्टी देने की घोषणा की है।
अमेरिका में एक शोध हुआ है जिसके अंतर्गत उक्त सुखद वातावरण बनने का संकेत मिला है। दिलचस्प तथ्य है कि आगामी दो साल में अमेरिका में हिंदुओं की संख्या करीब 28 लाख हो जाएगी।
अमेरिका में हिंदुओं का जहां सम्मान बढ़ा है वहीं उनके सामाजिक और राजनीतिक कद में भी बढ़त देखी जा रही है। और सिर्फ अमेरिका ही नहीं, ब्रिटेन में भी हिंदू आस्थावानों की संख्या उत्तरोत्तर बढ़ी है। शोध पर आधारित रिपोर्ट बताती है कि सिर्फ अमेरिका में वर्तमान में हिन्दुओं की संख्या 22 लाख हो चुकी है। हिन्दू मंदिरों की संख्या भी पिछले दशक में काफी बढ़ी है। आज वहां एक हजार से मंदिर सनातन संस्कृति का प्रचार—प्रसार कर रहे हैं।
जनसंख्या के हिसाब से अमेरिका विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है। यहां आज हिंदुओं की बढ़ती साख न सिर्फ समाज के स्तर पर बदलाव ला रही है, बल्कि वहां की राजनीति में भी हिन्दुओं की सक्रियता बढ़ती जा रही है। यह स्पष्ट दिखता भी है। आज अमेरिका में अनेक उद्यमों में शीर्ष पदों पर हिंदू कार्यरत हैं।
अमेरिका में हिन्दुओं के हित में काम करने वाली ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ का कहना है कि जनसंख्या की दृष्टि से अमेरिका विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है। यहां आज हिंदुओं की बढ़ती साख न सिर्फ समाज के स्तर पर बदलाव ला रही है, बल्कि वहां की राजनीति में भी हिन्दुओं की सक्रियता बढ़ती जा रही है। यह स्पष्ट दिखता भी है। आज अमेरिका में अनेक उद्यमों में शीर्ष पदों पर हिंदू कार्यरत हैं। इधर कुछ वर्ष से अमेरिकी लोग योग, ध्यान और आयुर्वेद की तरफ तेजी से आकर्षित हुए हैं। एक अनुमान के अनुसार, आज अमेरिका में 3.6 करोड़ लोग योग से जुड़े हैं।
यह रिपोर्ट हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रोजेक्ट पर कार्य करने के दौरान तैयार की गई है। रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में आज चहुंओर सनातन संस्कृति का प्रभाव दिखता है। गत 20 साल में मदिर भी 435 से बढ़कर एक हजार से ज्यादा हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि भारत से आध्यात्मिक विभूतियों के अमेरिका प्रवास और पिछले नौ साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष प्रयास इस स्थिति में विशेष भूमिका निभाता है। इससे सनातन संस्कृति की तरफ अमेरिकी आकर्षित हुए हैं और वे खुद से प्रवासी भारतीयों की ही तरह नियमित मंदिर जाने लगे हैं।
आज उस देश की कुल आबादी 33.6 करोड़ है। इनमें साक्षर और शिक्षित समुदायों में सबसे पहले हिंदू ही हैं। उनके बाद आते हैं वहां बसे यहूदी। वहां की जनसंख्या में यूं तो सबसे ज्यादा ईसाई ही हैं, जो कुछ आबादी में 60 प्रतिशत से अधिक हैं। अमेरिका में हिन्दू हित के लिए कार्यरत ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ का कहना है कि आने वाले दो साल यानी 2025 तक अमेरिका में हिंदुओं की संख्या करीब 28 लाख होने का अनुमान है।
टिप्पणियाँ