देहरादून। एएसआई देहरादून सर्किल टीम ने बताया है कि देवभूमि उत्तराखंड के दो महत्वपूर्ण मंदिर और उनकी मूर्तियां अपने स्थान पर नहीं हैं, जिसके बारे में पता लगाया जा रहा है। ये मंदिर कत्यूरी शासकों द्वारा बनाए गए थे।
एएसआई देहरादून के प्रभारी मनोज सक्सेना के मुताबिक अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट क्षेत्र में कत्यूरी वंश द्वारा निर्मित माता कुटुंबरी देवी का मंदिर एएसआई की सूची में 1957 तक था, लेकिन अब इसके अवशेष नहीं मिल रहे हैं। जबकि ये ब्रिटिश काल में 26 मार्च 1915 को सूचीबद्ध किया गया था। ये मंदिर और उसके अवशेष आठवीं सदी के थे।
इसी तरह कत्यूर वंश द्वारा सातवीं सदी में निर्मित वैराटपट्टन मंदिर जोकि कॉर्बेट पार्क के ढिकुली में होना चाहिए था वो भी नहीं मिल रहा है। एक समय ऐसा था कि ढिकुली कत्यूरी शासकों की राजधानी हुआ करती थी, ऐसा जिक्र कुमायूं के इतिहास में भी दर्ज है। 2013 में इसे स्मारक घोषित किया गया था। इसके अवशेष भी नहीं मिल रहे हैं। यहां बोर्ड तो लगा दिखता है, लेकिन मंदिर और उसके भवन के अवशेष नहीं मिले हैं।
उत्तराखंड के चकराता कस्बे में ब्रिटिश काल के दो चर्च (स्कॉटिश और एगलिक) को संरक्षित सूची में दर्ज किया जाएगा। इस बारे में देहरादून जिला प्रशासन से जल्द ही इनके भूमि दस्तावेजों को लेकर चर्चा कर अधिसूचना जारी की जाएगी।
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