मध्य प्रदेश: जमा उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के आतंकी बांट रहे थे मुसलमानों के बीच जिहादी साहित्य

भारत के खिलाफ असंतोष पैदा कर देने वाला यह जिहादी साहित्य भोपाल के करोंद इलाके में छपता था। यहीं एक मकान में इसकी बाइंडिंग की जाती थी। इसके बाद मस्‍जिदों-मदरसों में बांटा जा रहा था

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डॉ. मयंक चतुर्वेदी

भोपाल । मध्‍य प्रदेश में आईएसआईएस, जेएमबी, एचयूटी जैसे तमाम इस्‍लामिक आतंकवादी एवं चरमपंथी संगठनों के एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। राज्‍य की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि भोपाल में पकड़े गए जमा-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी नाम बदलकर भारत में घुसे और मदरसों में जिहादी साहित्य (लिटरेचर) बांटते थे, ताकि मध्‍य प्रदेश में मुसलमानों के बीच बड़ा असंतोष पैदा कर किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दिया जा सके।

मस्‍जिदों-मदरसों में बांटा जा रहा था जिहादी साहित्य

भारत के खिलाफ असंतोष पैदा कर देने वाला यह जिहादी साहित्य भोपाल के करोंद इलाके में छपता था। फिर यहीं एक मकान में इसकी बाइंडिंग की जाती थी। इसके बाद इसे बांटा जाता था। इन किताबों में भारत के खिलाफ मुसलमानों के बीच असंतोष पैदा हो, ऐसी अनेक बातें लिखी हैं। यहीं से विभिन्‍न मस्‍जिदों और मदरसों में बांटने के लिए इसे भेज दिया जाता था। इस बात का खुलासा विदिशा के ग्यासपुर के रहने वाले शाहवान खान (24) ने अब एटीएस और एनआईए की कड़ी पूछताछ में कर दिया है। साथ ही आतंकवाद निरोधक दस्ता ने वह भड़काऊ साहित्‍य भी बरामद किया है ।

बांग्लादेश से चार आतंकी आकर रह रहे थे भोपाल में

पिछले साल 13 मार्च को इस बात की सूचना मुखबिर द्वारा दी गई कि राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में स्‍थ‍ित फातिमा बी मस्जिद के पास संदिग्‍ध गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। मुखबिर ने यह भी बताया कि यहां की गली नंबर चार में बांग्लादेश से गलत तरीके से भारत में प्रवेश कर चार युवक आए हैं जोकि फर्जी नाम से रह रहे हैं। ये सभी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े हुए हैं।

मुखबिर से मिली इस सूचना के आधार पर मध्य प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ऐशबाग क्षेत्र में बताए गए मकान में दबिश दी थी। जहां से पुलिस ने चार बांग्लादेशी युवकों को गिरफ्तार किया जोकि इस घर के दो कमरों में रह रहे थे । इनके पास से बहुत कुछ आपत्‍तिजनक मिला। जिहादी लिटरेचर यहां मौजूद था, जोकि किसी भी भोले-भाले इंसान का ब्रेनवॉश कर सकने में सक्षम था। जब इन सभी चरमपं‍थी आतंकियों से एटीएस ने पूछताछ की तो उन्‍होंने पहले तो यही कहा कि वे भोपाल में रहकर काम करते हैं। फिर जब कड़ाई की गई तो इन सभी ने माना कि यह सभी जेएमबी के लिए काम करते हैं।

भारत के कई राज्‍यों में है जेएमबी का नेटवर्क

इन्‍होंने यह भी खुलासा किया कि उनके साथ ही मुख्‍य रूप से भोपाल करोंद इलाके के जनता नगर में रहने वाले अब्दुल करीम और शाहवान भी स्थानीय स्‍तर पर उनके साथ जुड़कर जेएमबी संगठन की तंजीम के लिए काम करते हैं। मध्य प्रदेश एटीएस ने 16 मार्च को इनके घर दबिश दी और भोपाल के करोंद से जहां शाहवान को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। वहीं, विदिशा स्‍थ‍ित नटेरन ब्लॉक के अंतर्गत आनेवाले पैरवास ग्राम से अब्दुल करीम को गिरफ्तार किया गया। जब आगे पकड़े गए इन छह आतंकियों से पूछताछ जारी रही तो और भी नए खुलासे होने लगे।

इनसे जानकारी हाथ लगी कि वे अकेले मास्‍टरमाइंड नहीं हैं, इसके और भी कई साथी हैं जोकि देश भर में फैले हुए हैं। एसटीएस व एसटीएफ ने ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई करते हुए जमा-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चार अन्य सदस्‍यों को भी गिरफ्तार किया। एक को यूपी के सहारनपुर स्थित देवबंद से गिरफ्तार किया गया जोकि वहां पर फर्जी आधार कार्ड पर रहकर जेएमबी के लिए काम कर रहा था। इस तरह से एटीएस और एसटीएफ ने आतंक विरोधी संयुक्‍त अभियान चलाकर मोहम्मद अकील अहमद शेख, फजर अली, वलीउल्लाह, हमीदुल्लाह, मोहम्मद शहादत हुसैन उर्फ अबिदुल्लाह, अब्दुल करीम, जैनउल आबिदीन, शाहवान खान, तलहा तालुकदार और अली असगर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की ।

भारत के खिलाफ जिहाद करना था इनका लक्ष्‍य

इन आतंकियों ने बताया कि भारत के खिलाफ जिहाद करने के लिए नए मुस्लिम युवकों को वे संगठन से जोड़ रहे थे। साथ ही अपनी कार्य योजना को अंजाम देने के लिए चंदा भी इकट्ठा कर रहे थे। शाहवान का कहना है कि उसकी जेएमबी सदस्य मोहम्मद अकील अहमद एवं उसके साथी इब्राहिम से मार्च 2021 में पहली मुलाकात ताजुल मसाजिद में हुई थी। वह अपने बचपन के दोस्‍त जोकि आगे की पढ़ाई और दीनी तालीम लेने पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित देवबंद चला गया था उस अब्दुल करीम के कहने पर की थी। (यह और वो दोनों ही विदिशा के मदरसे में एक साथ पढ़े हुए हैं।) तभी उसे पता चला कि जेएमबी संगठन भारत में शरिया कानून लागू करना चाहती है और इस कार्य के लिए युवाओं की एक फौज खड़ी करनी होगी। इसके लिए ही वह और उसके साथी बांग्‍लादेश से यहां आकर कार्य कर रहे हैं। इनका एक ही उद्देश्‍य है कि अधिक से अधिक मुसलमानों को अपने संगठन (तंजीम) से जोड़ना और भारत को दारुल हरब से दारुल इस्‍लाम में कन्‍वर्ट करना ।

सभी का एक ही सपना था भारत को इस्‍लामिक राष्‍ट्र बनाना

इन दोनों बांग्‍लादेशी आतंकियों मोहम्मद अकील अहमद और इब्राहिम ने शाहवान को मोबाइल पर भड़काऊ सामग्री ट्रांसफर की थी। साथ ही पैन ड्राइव के जरिए कुछ वीडियो भी दिए थे और कहा कि भारत में मुसलमान सुरक्षित नहीं, जब तक गजबा-ए-हिंद का सपना साकार नहीं हो जाता, यहां मुसलमानों पर अत्याचार होते रहेंगे। इसलिए हमें एक होकर काम करने की जरूरत है। इन दोनों के प्रभाव में आकर भोपाल के रहनेवाले शाहवान ने अपने दो दोस्‍तों मोहम्‍मद सलमान और मोहम्‍मद ताहिर से इन्‍हें मिलवाया था । यह दोनों बांग्‍लादेशी आतंकी शुरुआत में शाहवान के करोंद स्थित घर में लगभग 10 दिन रुके भी थे ।

एनआईए कर रही है मामले की जांच

अब तक यह बात भी जांच में सामने आ चुकी है कि बांग्लादेश के चुआडांग जिले का रहने वाला जेएमबी आतंकी फजर अली उर्फ मेहमूद उर्फ शरीफ उल मंडल उर्फ तौहीद उर रहमान जनवरी 2021 में भोपाल आया और अपने जिहादी बीज की फसल बोने लगा था। वह अपनी बोई इस आतंकी फसल को काट पाता, उससे पहले वह जांच एजंसियों की नजर में चढ़ गया, फिर वह और उसके साथी एक के बाद एक पकड़े गए। फिलहाल मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण से मध्‍य प्रदेश सरकार ने इस संपूर्ण मामले को राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है।

एनआईए के पास जांच जाने के बाद भोपाल के इस आतंकी और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े नौ आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें एक आतंकी हमीदुल्लाह उर्फ राजू गाजी उर्फ मुफ्फकिर उर्फ सामिद अली मियां उर्फ तल्हा निवासी ग्राम पचानी, जिला नारायणगंज, ढाका, बांग्लादेश और मोहम्मद सहादत हुसैन उर्फ अबीदुल्लाह निवासी गांव पोखिरा, जिला मदारीपुर, बांग्लादेश के रूप में हुई है। वहीं, इसमें गिरफ्तार आरोपी हमीदुल्लाह उर्फ ​​राजू गाजी और मोहम्मद सहादत हुसैन उर्फ ​​अबीदुल्लाह बड़े इस्‍लामिक कट्टरपंथी हैं। हाल फिलहाल एनआईए इस मामले में अपनी तरफ से ओर गहरी जांच कर रही है, जिसमें यह बता लगाया जा रहा है कि देश के किन-किन राज्‍यों में कहा-कहां जमा-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के स्‍लीपर सेल सक्रिय हैं और उन्‍हें उनके मंसूबों में कामयाब होने से कैसे रोका जाए, जांच अभी जारी है।

पिछले साल ही 30 सितम्‍बर को भोपाल में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से ही जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था । इन्‍हें पकड़ने कोलकाता से एसटीएफ की टीम भोपाल पहुंची थी। जिसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। कोलकाता एसटीएफ से जानकारी लगी कि हावड़ा में कोलकाता पुलिस ने अलकायदा से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। जिनसे पूछताछ के बाद मालूम हुआ कि उनके दो साथी भोपाल में हैं । इसके बाद कोलकाता एसटीएफ ने यह कार्रवाई की है। इनके बारे मे तत्‍काल एमपी के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया भी था कि मध्यप्रदेश से आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों को पश्चिम बंगाल पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर अपने साथ ले गई है। ये घटनाएं इशारा कर रही हैं कि मध्‍य प्रदेश आतंकी संगठनों के सोफ्ट टार्गेट पर है। जेएमबी जैसे आतंकी संगठन यहां अपनी पैठ बढ़ाने में लगे हुए हैं।

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