पिछले दिनों कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध कब्रिस्तान बनाए जाने का मामला उजागर हुआ था। अब राजा जी टाइगर रिजर्व में भी अवैध कब्रिस्तान होने का मामला सामने आ गया है। इस मामले में राजा जी प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। उल्लेखनीय है कि जिस टाइगर रिजर्व में किसी व्यक्ति के पैदल चलने की भी अनुमति नहीं है, वहां गड्ढे खोद कर शवों को दफनाने का काम चल रहा है। ऐसे ही यहां दर्जनों की संख्या में मजारें भी चिन्हित हुईं, जिन्हें एक- एक करके हटाया जा रहा है।
राजा जी टाइगर रिजर्व का गोहरी रेंज कोर जोन है। जिसमें आप सूखे पेड़ों से गिरी हुई लकड़ी भी नहीं उठा सकते। यहां कोई पैदल भी नहीं चल सकता और एनटीसीए के दिशा निर्देशों के तहत कोई निर्माण कार्य भी नहीं कर सकता या यहां के स्थलाकृति में कोई फेर बदल नहीं कर सकता है। किसी भी रिजर्व फॉरेस्ट में किसी भी मानवीय हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कैसे कोर जोन में ये कब्रिस्तान बन गया?
इस बारे में राजा जी टाइगर रिजर्व प्रशासन कुछ भी बताने से कतरा रहा है। राजा जी टाइगर रिजर्व की गोहरी रेंज का नाता विवादों में पहले से भी रहा है। यहां चंदन तस्करों द्वारा चंदन के पेड़ काट देने और उसकी तस्करी के मामले भी सुर्खियां बटोरते रहे हैं तो कभी रिसोर्ट मालिकों को भी टाइगर रिजर्व के अधिकारी रास्ता बनाकर देते हैं। बीते सालों में यहां एक बाघ को भी जहर दे कर मौत का मामला चर्चा में रहा था।
बहरहाल टाइगर रिजर्व में कब्रिस्तान होने की खबर वन विभाग के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आ गई है। ऐसा बताया जा रहा है अब इस पर जवाब तलब किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मिले अवैध कब्रिस्तान के रास्ते को कॉर्बेट प्रशासन ने खाई खोद कर बंद करवा दिया और जहां कब्र थी उस स्थान को समतल कर वृक्षारोपण कर दिया।
टिप्पणियाँ