दमोह। मध्य प्रदेश में दमोह जिले के स्कूल छात्राओं के हिजाब वाले पोस्टर के बाहर आने के कारण अंदर की हकीकत बाहर आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने ड्रेस में हिजाब का बंधन हटा दिया है। स्कूल में ‘लब पे आती है दुआ’ जैसे गीत भी अब नहीं गाए जाएंगे। यहां आगे से एक नई शुरूआत देखने को मिलेगी, वह है केवल प्रार्थना में राष्ट्रगान जन गण मन का गान किया जाएगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आदेश के बाद जब प्रशासन द्वारा इस मामले में सख्ती की गई और जांच ने अपनी नए सिरे से गति पकड़ी तो यह संभव हो सका है। इसके साथ ही गंगा जमना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाकर टॉपर्स की लिस्ट में दिखाने को लेकर प्रबंधन ने माफी मांगी है।
उल्लेखनीय है कि इससे जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिन्दू संगठनों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने के साथ इस मामले को गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के संज्ञान में लाया गया था, साथ ही कुछ शिक्षा से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं ने केंद्रीय (एनसीपीसीआर) एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) में भी इसकी शिकायत की गई थी। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा तुरंत इस पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर मयंक अग्रवाल को नोटिस भी जारी कर दिया गया और एक सप्ताह में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। वहीं, इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया था।
इस संबंध में दमोह कलेक्टर और एसपी ने शुक्रवार को पत्रकारों के बीच कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस प्रकरण में हाई पावर कमेटी एसडीएम के नेतृत्व में बनाई गई है, जो इस संपूर्ण मामले की जांच कर रही है। इसके साथ ही अब हिजाब से भी मुक्ति मिल गई है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने ड्रेस कोड से स्कार्फ (हिजाब) की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। वहीं, इस संपूर्ण घटनाक्रम पर स्कूल प्रबंधन की ओर से खेद भी जताया गया है। अभी जांच कमेटी की जांच जारी रहेगी और जो भी जांच में निकलकर आएगा, उस के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
टिप्पणियाँ