इंफाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मणिपुर हिंसा के लिये न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस इस आयोग का नेतृत्व करेंगे। साथ ही राज्यपाल की अगुआई में शांति समिति बनाने का भी ऐलान किया गया है। इस समिति में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि भारत-म्यांमार सीमा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए म्यांमार के साथ लगती भारत की सीमा पर बाड़ (फेंसिंग) लगाने का काम पूरा किया जाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री मणिपुर के दौरे पर हैं। यह पूर्वोत्तर राज्य पिछले एक महीने से दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प का सामना कर रहा है। राज्य में शांति बहाली और कानून- व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्री वहां पहुंचे हैं। आज उन्होंने इस संबंध में इंफाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पत्रकार वार्ता में उन्होंने राज्य के लोगों को निष्पक्ष जांच और अपराधियों को दंडित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर वासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी प्रकार के पक्षपात और भेदभाव के बगैर जांच की जाएगी और दोषियों को दण्डित किया जाएगा।”
हिंसा की घटनाओं के विषय पर गृहमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही एक राहत और पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश के नागरिक की जान जाती है तो हम सभी को दुख होना स्वाभाविक है। हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये केंद्र सरकार और 5 लाख रुपये मणिपुर सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। यह राशि सीधे पीड़ितों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी।
गृह मंत्री ने बताया कि सीबीआई मणिपुर हिंसा के पीछे आपराधिक और सामान्य साजिशों की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि सभी दर्ज मामलों में से 6 मामलों की जांच सीबीआई का एक विशेष दल करेगा। गलतफहमी की वजह से हिंसा हुई है। राज्य विकास के रास्ते पर चल पड़ा था। पिछले छह साल में विकास के बहुत काम भी हुए हैं।
शाह ने मणिपुर में जारी संकट का समाधान संवाद को बताते हुए कहा कि उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों से मुलाकात की है। मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। अस्थाई कैंपों का दौरा किया है। नागरिकों के प्रतिनिधि मंडल और कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की है। महिला प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों के साथ भी शांति स्थापना के लिए चर्चा हुई है। 11 राजनीतिक दलों और खिलाड़ियों के साथ भी बैठक की है।
इस दौरान उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि कृपया अफवाओं पर ध्यान ना दें और राज्य में शांति बनाए रखें। शांति के कारण ही बीते छह साल से राज्य में विकास का एक युग चल रहा था। साथ ही उन्होंने हिंसा में लिप्त लोगों और संगठनों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वे ऐसे समूहों को भी एक कठोर संदेश देना चाहते हैं कि संधि का किसी भी प्रकार का उल्लंघन, किसी भी प्रकार का बदलाव होने पर सख्ती से संज्ञान लिया जाएगा और इसे संधि भंग करना माना जाएगा। समझौते की शर्तों का पालन कीजिये। हथियारों की जब्ती के लिए पुलिस कल से कॉम्बिंग ऑपरेशन भी चलाएगी।
केन्द्र की ओर से राज्य को दी जा रही मदद के बारे में शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिंसा के पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए मणिपुर को 20 डॉक्टरों सहित चिकित्सा विशेषज्ञों की 8 टीमें प्रदान की हैं। 5 टीमें पहले ही यहां पहुंच चुकी हैं और 3 अन्य रास्ते में हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा और शिक्षा में मणिपुर के विद्यार्थियों को कोई व्यवधान ना हो इसके लिए भारत सरकार के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी यहां पहुंच चुके हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए एक प्लान बनाया जाएगा ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान ना हो। लोगों की मदद करने और राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए गृह मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के संयुक्त सचिव और संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी मणिपुर में मौजूद रहेंगे।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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