छत्तीसगढ़ के परलकोट जलाशय में मोबाइल गिरने पर लाखों लीटर पानी बहाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। खाद्य विभाग के निरीक्षक और जल संसाधन विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
नायब तहसीदार की शिकायत पर पखांजूर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। ये कार्रवाई खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास, जल संसाधन विभाग के एसडीओ रामलाल धीवर और सब इंजीनियर छोटेलाल ध्रुव के खिलाफ हुई है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विश्वास ने बांध के बाहरी हिस्से में जो पानी जमा था, उसे बाहर निकलवा कर बर्बाद करने का काम किया। जिसमें जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर विश्वास की मदद करने का आरोप लगा है।
उन्होंने बताया कि तीनों अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 430, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। आगे अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में पखांजूर में तैनात विश्वास और धीवर के खिलाफ पहले ही कार्रवाई हो चुकी है, उन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
एफआईआर के मुताबिक 21 मई को विश्वास अपने दोस्तों के साथ खैरकट्टा गांव के परालकोट जलाशय में घूमने गया था। इस दौरान जलाशय के बेस्ट वियर स्पील के बेसिन के जमा पानी में उसका मोबाइल गिर गया था। जिसके बाद मोबाइल की छानबीन के लिए जल संसाधन विभाग पखांजूर के एसडीओ रामलाल धीवर और सब इंजीनियर छोटेलाल धुव से मिलीभगत कर हजारों लीटर पानी पम्प द्वारा बाहर निकलवाया गया, और ये काम पूरे चार दिनों तक चला, ये पानी गर्मी में पशु-पक्षी तथा मानव जीवन के उपयोग और कृषि कार्य में उपयोगी किया जाने वाला था।
अधिकारियों ने बताया कि विश्वास ने 41 लाख लीटर पानी जलाशय के बाहरी हिस्से से निकलवाया था। वहीं जब मामला सामने आया तब कांकेर जिले की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने इससे संबंधित रिपोर्ट मांगी, जिसके बाद अधिकारी को निलंबित करने की कार्रवाई की गई। वहीं कलेक्टर ने पानी निकालने की मौखिक अनुमति देने को लेकर एसडीओ धीवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके बाद धीवर पर बुधवार को निलंबित करने का कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इसी के साथ विश्वास पर बिना अनुमति लिए पानी निकालवाने को लेकर जुर्माना भी लगाया गया। विश्वास पर दस दिनों के अंदर विभाग को 53,000 रुपए जुर्माना देने का आदेश जारी किया गया है।
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