चीन में भारत को लेकर दृष्टि में एक बड़ा बदलाव आ रहा है। पहले जहां चीन वाले भारत और भारत सरकार को हल्के में लेते थे, अब वे भारत का नाम सुनकर घबराते हैं। इस बात की पुष्टि चीन सरकार का भोंपू कहे जाने वाले अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भी की है। अब चीन के ज्यादातर लोग भारत को दमदार देश की तरह देखते हैं। इस अखबार ने तो हमारी नई संसद की जमकर तारीफ की है, जो अपने में अनोखी बात है। इतना ही नहीं, इसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए प्रशंसा भरे शब्द लिखे हैं।
इसमें संदेह नहीं है कि चीन हमेशा से भारत को एक ‘कमजोर’ और किसी भी आक्रामक कार्रवाई पर प्रतिक्रिया न करने वाले देश के रूप में ही देखता आया था। लेकिन गलवान संघर्ष के बाद चीन की नजरों में भारत कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। भारत की मोदी सरकार जहां कभी जिनपिंग सरकार की टीका—टिप्पणियों के केन्द्र में हुआ करती थी, वहीं अब यह एक कद्दावर सरकार के तौर पर देखी जा रही है। अब ‘ग्लोबल टाइम्स’ जैसा अखबार भी भारत, प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्र की भाजपानीत सरकार की प्रशंसा के पुल बांधता दिख रहा है।
‘ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय में लिखा गया है, भारत सरकार गुलामी के दौर की सभी निशानियों को मिटाने में जुटा है। भारत विकास करना चाहता है। अखबार आगे लिखता है कि भारत की संसद की नई इमारत एक महान प्रतीक बनेगी। नई संसद का ब्योरा भी दिया गया है कि इसमें मोर, कमल का फूल तथा बरगद के पेड़ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक उकेरे गए हैं।
उदाहरण के लिए, ‘ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय में लिखा गया है, भारत सरकार गुलामी के दौर की सभी निशानियों को मिटाने में जुटा है। भारत विकास करना चाहता है। अखबार आगे लिखता है कि भारत की संसद की नई इमारत एक महान प्रतीक बनेगी। नई संसद का ब्योरा भी दिया गया है कि इसमें मोर, कमल का फूल तथा बरगद के पेड़ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक उकेरे गए हैं। मोदी सरकार ने नए और उभरत भारत की छवि सामने रखने के लिए अनेक महत्वपूर्ण काम पूरे किए हैं।
यह सच है कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को विश्व के मानचित्र पर ला खड़ा किया है। भारत आज एक विकसित देश के नाते तेजी से दुनिया के देशों पर हावी हो रहा है। भारत आज एक दमदार देश के नाते देखा जा रहा है। अमेरिका तथा रूस जैसी महाशक्तियों के साथ अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर रिश्ते बढ़ा रहा है। चीन भले कितनी कोशिश करे, लेकिन भारत की दुनिया में आज जो छवि है, उसे प्रभावित नहीं कर पााया है। इन सब बातों के कारण कम्युनिस्ट चीन भी रक्षात्मक मुद्रा में दिख रहा है।
इस संदर्भ में त्सिंगहुआ विश्वविद्यालय द्वारा हाल में किया एक सर्वेक्षण ध्यान में आता है। इस सर्वे में स्पष्ट दिखा कि आज चीन के लोग भारत को लेकर बहुत घबराहट महसूस करने लगे हैं। वे भारत को एक ताकतवर देश और अपने देश के लिए बड़े खतरे के तौर पर देखने लगे हैं। विश्वविद्यालय की रिपोर्ट का दावा है कि चीन के करीब 92 प्रतिशत नागरिक भारत को लेकर एक खतरा महसूस करते हैं। वे मानते हैं कि भारत उनके देश के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। वहां आज सिर्फ 8 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जो भारत को दोस्त देश की तरह देखते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2020 में ऐसे ही एक सर्वेक्षण में 73.6 प्रतिशत चीनी नागरिकों ने भारत को खतरा माना था। जबकि 26.4 प्रतिशत भारत को एक दोस्त की तरह देखते थे। लेकिन आज जो भारत की ताकतवर देश की छवि बनी है, उसकी वजह से अगर भारत उन्हें एक बड़ा खतरा दिखता है, तो ये ‘खौफ अच्छा है’।
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