राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार (31 मई) को तीन राज्यों में 25 ठिकानों पर छापेमारी की है। एनआईए ने यह छापेमारी कर्नाटक, केरल और बिहार के अलग-अलग ठिकानों पर की है। एनआईए की टीम पीएफआई और उससे जुड़े लोगों के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी को अंजाम दे रही है। वहीं कर्नाटक के पुत्तूर जिले में चार संदिग्धों को हिरासत में लिए जाने की जानकारी निकाल कर सामने आई है।
वहीं बिहार की बात करें तो कटिहार के हसनगंज थाना क्षेत्र के युसूफ टोला निवासी मोहम्मद नदवी के यहां लगभग 3 घंटे तक छापेमारी की। एनआईए के साथ स्थानीय थाने की पुलिस टीम और उनके साथ लगभग 3 से 4 गाड़ी थीं। वहीं, स्थानीय लोगों की मानें तो एनआईए ने पूछताछ के लिए महबूब आलम नदवी के भाई मोहम्मद जावेद को अपने साथ ले गई। स्थानीय स्तर पर लोगों ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अब तक इसकी कोई पुष्टि नहीं है।
एजेंसी ने कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में 16 ठिकानों पर छापेमारी की। यहां भी छापेमारी पीएफआई और उसके नेताओं और कैडरों की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से संबंधित है, जो पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में उस उद्देश्य के लिए इकट्ठे हुए थे।
जुलाई 2022 में पटना के फुलवारीशरीफ में पुलिस की रेड में PFI से जुड़े कुछ लोग पकड़े गए थे। छापेमारी में इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला है। इसमें अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की प्लानिंग की गई थी। इसी टारगेट को पूरा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।
उस समय 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इसमें पूछताछ में पता चला था कि 12 जुलाई को पटना आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ये हमला करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें 15 दिन से ट्रेनिंग दी जा रही थी। इसको लेकर पहले पटना पुलिस ने FIR दर्ज की थी। बाद में मामला NIA के पास चला गया। तब से NIA लगातार छापेमारी कर रही है।
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