पाकिस्तान में वर्षों से हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। मुस्लिम, नाबालिग हिंदू बेटियों को उठाकर उनसे जबरन निकाह कर रहे हैं, जमीन छीन रहे हैं, मठ-मंदिरों पर कब्जे तो बहुत पहले से कर लिये गये हैं। नतीजा, पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी तेजी से कम हो गई।
पाकिस्तान के सिंध में बसे हिंदुओं का पसंदीदा गाना है- ‘अलबेलो इंडिया जाए….भळे कदै पाछो नी आए…. हियचे में गाड़ी चले… अलबेलो इंडिया जाए… वीजा जद लगे… रोटी पानी कैया भाएं… अलबेलो इंडिया जाए।’ यही गाना सुनते-सुनते वहां रहने वाला हिंदू यह सपना देखता है कि एक दिन वह भी अपने देश जाएगा। दरअसल पाकिस्तान में वर्षों से हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। मुस्लिम, नाबालिग हिंदू बेटियों को उठाकर उनसे जबरन निकाह कर रहे हैं, जमीन छीन रहे हैं, मठ-मंदिरों पर कब्जे तो बहुत पहले से कर लिये गये हैं। नतीजा, पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी तेजी से कम हो गई। पाकिस्तान से वर्ष 1971 से ही मजहबी उत्पीड़न के कारण लोग अलग-अलग चरणों में भारत आ रहे हैं। राजस्थान के विभिन्न जिलों में ऐसे सात लाख से अधिक हिंदू शरणार्थी निवास कर रहे हैं।
प्रताड़ित लोगों में अधिकांश अनुसूचित जनजाति समाज के हैं। राजस्थान आने के बाद भी इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई दलालों के चुंगल में फंस जाते हैं तो अनेक लोगों को प्रशासन की क्रूरता का शिकार होना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार ने हिन्दुओं से अपनी नफरत के चलते अप्रैल में जोधपुर में हिंदू शरणार्थियों के बसेरों पर बुलडोजर चलवाया तो मई में जैसलमेर में इनके आशियाने उजाड़कर उन्हें भीषण गर्मी में झुलसने को मजबूर कर दिया।
नगर विकास न्यास ने जैसलमेर जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर अमरसागर ग्राम पंचायत इलाके में अनुसूचित वर्ग के हिंदू शरणार्थियों के 28 मकानों को ध्वस्त कर दिया। मामले ने तूल पकड़ा तो प्रशासन ने विस्थापितों से वार्ता कर बीच का रास्ता निकाला। पाकिस्तान से आए विस्थापितों के लिए एक कमेटी का गठन कर अन्यत्र जगह देने पर सहमति बनी। कलेक्टर टीना डाबी कहती हैं- ‘जिस भूमि पर अतिक्रमण हटाया गया, वह जमीन या तो यूआईटी द्वारा पूर्व में आवंटित की जा चुकी थी या कैचमेंट एरिया में है। विस्थापितों की मांग के अनुसार उन्हें उचित स्थान दिया जाएगा। जिनके पास अभी कोई जगह नहीं है, फिलहाल उनके लिए रैन बसेरों में व्यवस्था कराई गई है।’ विस्थापितों के लिए जैसलमेर मुखयालय से 7 किलोमीटर दूर मूल सागर गांव के निकट 40 बीधा जमीन दी गई है।
जैसलमेर से पहले जोधपुर में पाकिस्तान से आकर बसे 70 हिंदू परिवारों के घरों पर जोधपुर विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चलवा दिया। ये परिवार छोटे- छोटे बच्चों के साथ खुले में रहने को मजबूर हैं। इनमें अधिकांश परिवार पिछले तीन- चार माह में पाकिस्तान से जोधपुर आए थे। इन्होंने भू-माफिया को जिंदगी भर की कमाई देकर राजीव विहार कॉलोनी में जमीन खरीदी और उन पर अपनी हैसियत के हिसाब से कच्चे और पक्के मकान बनाए थे। लेकिन वहां समतल मैदान बना दिया गया है। जेडीए का दावा है कि उनकी ओर से 15 दिन पहले नोटिस जारी कर दिया गया था। इस मामले में पीड़ित परिवारों ने राजीव विहार थाने में ठगी कर जमीन बेचने के तीन मामले भी दर्ज कराये हैं। भू-माफियाओं ने झांसा देकर करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव बेच दी। अब इन परिवारों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। कब्जे को हटाने की कार्रवाई कतई सही नहीं ठहराई जा सकती क्योंकि प्रशासन पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था कर अवैध कब्जे ध्वस्त कर सकता था। लेकिन राजस्थान की भीषण गर्मी में विस्थापितों को खुले में झुलसने को मजबूर कर दिया गया।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ कहते हैं ‘कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में शरणार्थियों के लिए अलग निकाय बनाने के साथ इनके विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार देने का वादा किया था। उन वादों को पूरा करने की जगह कांग्रेस सरकार इन्हें बेघर कर रही है।’ हंगामा होने के बाद जिला प्रशासन ने फिलहाल शरणार्थियों को रैन-बसेरे में रखा है। इन्हें आवंटित करने के लिए 40 बीघा जमीन आरक्षित कर दी गयी है। पाकिस्तान में हिंदू दलितों की प्रताड़ना पर बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था- ‘मैं वर्तमान दुर्गति में अन्य कोई भी सहारा देने में असमर्थ हूं। कुल मिलाकर मैं उन्हें भारत चले आने का आमंत्रण दे सकता हूं।’ आज हालात आंबेडकर के दौर से भी भयावह हो चुके हैं।
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