गर्मियों में रखें खाने-पीने का ध्यान

गर्मियों में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं आती हैं जिनसे बचने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। इस मौसम में हमें इस बात पर विशेष गौर करना चाहिए कि क्या खाना है और क्या खाने से बचना है

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रूपाली करजगीर

गर्मियों में अपने स्वास्थ्य तथा खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसमे सबसे अहम भूमिका पानी तथा तरल पदार्थों की होती है। निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है।

इन दिनों गर्मियों का मौसम है। कहीं तेज धूप के साथ उमस है तो कहीं लू और भयंकर गर्मी है। गर्मी अपने साथ खानपान संबंधी बहुत सारी समस्याएं तथा प्रश्न लेकर आती है। इस समय भूख न लगना, बहुत हताश व थका-थका महसूस करना, जी मिचलाना, लू लगना, पाचन गड़बड़ होना जैसी समस्याएं साधारणत: देखने को मिलती हैं।

गर्मियों में अपने स्वास्थ्य तथा खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसमे सबसे अहम भूमिका पानी तथा तरल पदार्थों की होती है। निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है। तरल पदार्थों मे छाछ/मट्ठा, नारियल पानी, नींबू-पानी, कोकम शरबत, बेल शरबत, आम पन्ना, गन्ने के रस का सेवन किया जा सकता है।

इन सभी तरल पदार्थों में खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में हैं, जिससे गर्मी के कारण होने वाली खनिज पदार्थों की हानि को पूरा किया जा सकता है। आजकल गर्मियों में कोल्डड्रिंक्स, फ्रूटी या कृत्रिम रंग वाले तरल पदार्थों का सेवन बढ़ गया है। परंतु ये शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें शक्कर की मात्रा सामान्य से कहीं ज्यादा होती है जो इन्हें पीते समय तो आनंद देती है, परंतु कुछ देर बाद ही शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। परिणामस्वरूप पित्त और वात एवं दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

क्या खायें

हमें हमेशा मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ये मौसम के हिसाब से होती हैं, इनसे शरीर को कोई भी हानि नहीं होती बल्कि ये शरीर के लिए लाभदायक हैं। गर्मियों मे खीरा, ककड़ी, केरी, करोंदा, पुदीना, तरबूज, खरबूज, आम, तोरई, टिंडा, लौकी इत्यादि मिलते हैं, जिनका सेवन अवश्य करना चाहिए। इन सभी पदार्थों में भरपूर मात्रा में पोषकतत्व तथा पानी पाया जाता है। तरबूज में तो 92प्रतिशत तक पानी की मात्रा होती है। इसमें खनिज पदार्थ भी भरपूर मात्रा मेें पाए जाते हैं।

ये न खायें

गर्मियों में मैदा व इससे बने पदार्थ, समान्यत: उपयोग में लाये जाने वाले बिस्किट व ब्रेड जैसे पदार्थ, बहुत ज्यादा मीठी चीजें, तली तथा मसालेदार चीजें तथा बासी खाने से बचें। कोल्ड ड्रिंक्स का उपयोग न करें और ज्यादा मात्रा मे चाय व कॉफी न लें। ज्यादा आइसक्रीम से भी बचें। भीषण गर्मी में ज्यादा आइसक्रीम खाने से हमें संतुष्टि तो ठंडे खाने की होती है, परंतु यही आइसक्रीम शरीर में जाकर गरम तासीर की होती है। गर्मी में हमेशा हल्का, ताजा, सुपाच्य, कम मसाले वाला तथा आसानी से पचने वाला भोजन ही करना चाहिए।

गर्मियों मे हमें हमेशा ताजे बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए। कोई भी पका हुआ पदार्थ 3 से 4 घंटे बाद रासायनिक तौर पर बासी हो जाता है अर्थात उस पदार्थ में रासायनिक क्रियाएं होनी चालू हो जाती हैं। और, गर्मी का मौसम तो जीवाणुओं के पनपने के लिए सबसे अच्छा होता है। इसलिए रात का बचा खाना तथा काट कर रखे हुए फल व सब्जियों के सेवन से बचें। समय खाना है, उसी समय फलों या सब्जियों को काटें।

बहुत बार काम के सिलसिले में, लंबी यात्रा के समय या किसी कारणवश हमें बहुत देर तक बाहर रहना पड़ता है। इस समय तरल पदार्थों की तरफ विशेष ध्यान दें। हर 20 से 30 मिनट में पानी का सेवन करते रहें। अपने बस्ते / बैग में कुछ खाने के पदार्थ जैसे भूना चना, सत्तू, किशमिश, मुरमुरा इत्यादि अवश्य रखें, जिससे आपके पास खाने के कुछ स्वस्थ विकल्प रहें।
(लेखक वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ हैं)

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